कमीशन का खेल खत्म: प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर सतना कलेक्टर ने लागू की धारा 144, पालकों पर अब दबाव नहीं

सतना कलेक्टर ने आदेश में कहा- एनसीआरटीई के अलावा निजी प्रकाशकों की नहीं चलेंगी बुक, तीन साल के पहले नहीं बदल सकेंगे ड्रेस.

Update: 2024-04-07 04:50 GMT

एनसीआरटीई के अलावा निजी प्रकाशकों की नहीं चलेंगी बुक, तीन साल के पहले नहीं बदल सकेंगे ड्रेस.

सतना। कमीशनखोरी और ज्यादा कमाई के चक्कर में प्राइवेट स्कूलों संचालकों ने अपनी दुकानें फिक्स कर रखी हैं। ऐसे में अभिभावकों को मजबूरीवश ड्रेस व किताबें मनमाने दमों में खरीदनी पड़ती थी लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। सतना कलेक्टर ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमानी पर धारा 144 की बंदिश लगाई है।

सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा, यदि किसी संचालक ने बच्चों या उनके पेरेंट्स पर किसी विशेष दुकान से यूनिफॉर्म, बुक या स्टेशनरी खरीदने के लिए दवाब बनाया तो उन पर केस दर्ज होगा। इतना ही नहीं अब तीन साल के पहले प्राइवेट स्कूल बच्चों की ड्रेस नहीं बदल सकेंगे।

एनसीआरटीई, म.प्र. पाठ्य पुस्तक निगम आदि के द्वारा प्रकाशित पुस्तकों के अतरिक्त निजी प्रकाशकों की पुस्तकों को स्कूलों में अध्यापन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। दुकानदार पूरा सेट खरीदने की बाध्यता नहीं रखेगा। कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेगा। कम से कम तीन साल तक ड्रेस नहीं बदली जाएगी।

आदेश की अवहेलना पर होगी कार्रवाई

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत निजी स्कूल संचालकों, पुस्तक प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को समाप्त करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है, इसका उल्लंघन करने पर व्यक्ति, संस्थान व विक्रेता के विरुद्ध भादवि की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जा सकेगी।

विद्यालय द्वारा उक्त आदेश की अवहेलना किए जाने पर संबंधित विद्यालय के संचालक व प्राचार्य के साथ ही शाला प्रबंधक, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के समस्त सदस्य भी दोषी होंगे। इतना ही नहीं मप्र निजी विद्यालय अधिनियम 2017 एवं 2020 की धारा 6 एवं 9 के तहत शास्ति अधिरोपित करने की कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया कि जिले के समस्त विद्यालय अपने नोटिस बोर्ड पर उक्त सूचना चस्पा करेंगे।

इस तरह जारी हुए निर्देश

  • निजी स्कूल में सभी कक्षाओं के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची रिजल्ट के पहले स्कूल की वेबसाइट व सूचना पटल पर करेंगे चस्पा।
  • मान्यता नियमों के तहत स्कूल की स्वयं की वेबसाइट होना अनिवार्य।
  • परीक्षा परिणाम के पहले अभिभावकों को शैक्षणिक सामग्री खरीदने नहीं किया जाएगा बाध्य, पालक सुविधा अनुसार खरीद सकेंगे।
  • स्कूल जिस नियामक बोर्ड सीबीएसई व माध्यमिक शिक्षा मंडल आदि से संबंधित है उसके विधिरूप से अधिकृत एजेंसी एनसीआरटी के अलावा कोई पुस्तके नहीं चलेंगी।
  • नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, कम्प्यूटर आदि के लिए निजी प्रकाशकों की पुस्तकें क्रय करने नहीं किया जाएगा बाध्य।
  • स्कूल संचालक व प्राचार्य अभिभावकों को पुस्तकें, नोटबुक, यूनिफार्म को किसी विशेष दुकान से खरीदने नहीं किया जाएगा बाध्य।
  • दुकानदार पूरा सेट खरीदने की बाध्यता नहीं रखेगा।
  • कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेगा।
  • कम से कम तीन साल तक नहीं बदली जाएगी ड्रेस।
  • संस्थान सहित विक्रेता पर होगी कार्रवाई।
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