रीवा में 2 मासूम समेत 4 की मौत का 'दोषी है सिस्टम', पीएम आवास के लिए दर-दर भटकता रहा, सरपंच-सचिव रिश्वत मांग रहें थे...

रीवा. एक ही झटके में एक पूरा परिवार बिखर गया. बारिश के चलते एक कच्चा मकान ढह गया, जिसमें सो रहें 2 मासूम समेत माँ-बेटे की मौत हो गई. इसे लोग भले ही आपदा मान रहें हो. लेकिन हकीकत तो यह है कि एक हंसता खेलता परिवार सिस्टम की बलि चढ़ गया. पीड़ित परिवार पीएम आवास के तहत मिलने वाली योजना का लाभ लेने सरपंच-सचिव के चक्कर काटता रहा, पर रिश्वत की मांग के चलते उस गरीब को एक पक्का कमरा तक नसीब न हो सका और बारिश के चलते पूरा घर ढह गया. 

Update: 2021-08-02 11:51 GMT

Rewa Riyasat News

रीवा. एक ही झटके में एक पूरा परिवार बिखर गया. बारिश के चलते एक कच्चा मकान ढह गया, जिसमें सो रहें 2 मासूम समेत माँ-बेटे की मौत हो गई. इसे लोग भले ही आपदा मान रहें हो. लेकिन हकीकत तो यह है कि एक हंसता खेलता परिवार सिस्टम की बलि चढ़ गया. पीड़ित परिवार पीएम आवास के तहत मिलने वाली योजना का लाभ लेने सरपंच-सचिव के चक्कर काटता रहा, पर रिश्वत की मांग के चलते उस गरीब को एक पक्का कमरा तक नसीब न हो सका और बारिश के चलते पूरा घर ढह गया. 

घटना रविवार की तड़के की है. दो दिन लगातार हो रही झमाझम बारिश के चलते गढ़ थानाक्षेत्र के बहेरा गाँव में पाण्डेय परिवार का एक कच्चा मकान ढह गया. जिसकी चपेट में एक बूढ़ी माँ, बेटा और मासूम आ गए. इस हादसे में 71 वर्षीय कमली देवी पति रामभाऊ पांडेय, मनोज पांडेय (27) पिता रामभाऊ पांडेय, काजल पांडेय (8), अनन्या पांडेय (5) की मौत हो गई, जबकि आंचल पांडेय (6) गंभीर रूप से घायल हो गई. 

रविवार की तड़के ये सब जब अपने घर में सो रहें थें तब मकान भड़भड़ाकर गिर गया. हादसे की खबर गाँव में आग की तरह फैली. टीमें पहुंची, रेस्क्यू ऑपरेशन हुआ लेकिन 71 वर्षीय कमली देवी पति रामभाऊ पांडेय, मनोज पांडेय (27) पिता रामभाऊ पांडेय, काजल पांडेय (8), अनन्या पांडेय (5) की मौके पर ही मौत हो चुकी थी. 

मायके में थी पत्नी और दो बच्चे 

बताया जा रहा है जिस वक़्त यह हादसा हुआ उस समय मृतक मनोज की पत्नी, एक बेटी और बेटा अपने मायके रतनगमा में थी. हादसे की जानकारी लगते ही पत्नी मौके पर पहुंची. और उसने अपनी आँखों के सामने अपना पूरा संसार उजड़ा हुआ देखा. 

हादसा नहीं, हत्या है

बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार का नाम पीएम आवास के हितग्राहियों की सूची में था. बावजूद इसके सरपंच सचिव की लेटलतीफी और रिश्वतखोरी मंशा के चलते योजना का लाभ परिवार को न मिल सका. मृतक की पत्नी का आरोप है कि कई बार सरपंच और सचिव के चक्कर लगाए गए जिससे योजना का लाभ मिल सके और पक्का मकान बन सके, लेकिन सरपंच और सचिव द्वारा पैसे की मांग की जाती रही है. जिसके चलते परिवार को पक्की छत का लाभ नहीं मिल पाया और वे असमय काल की गाल में समा गए. इसलिए इसे हादसे का नाम नहीं दिया जा सकता. यह सिस्टम द्वारा की गई हत्या है और सरकारी तंत्र ही इसके लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है. 

कलेक्टर पहुंचे और मुआवजा राशि स्वीकृत की 

हादसे के बाद लोग आक्रोशित होकर कलेक्टर के आने की जिद्द कर बैठे. जनप्रतिनिधियों ने कलेक्टर से बात की और दोपहर 3 बजे कलेक्टर इलैयाराजा टी. एसपी राकेश कुमार सिंह घटना स्थल पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की बात कही. मृतकों को 4-4 लाख रूपए का मुआवजा देने के साथ कुल 17.36 लाख की आर्थिक राशि स्वीकृत की. ग्रामीणों ने कलेक्टर को बताया कि सालों से वे इस गाँव में पहुँच मार्ग के लिए आंदोलन कर रहें हैं. लेकिन अब तक पहुँच मार्ग नहीं बना है. इस पर भी कलेक्टर ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया. 

श्रेय लेने, फोटो खिंचवाने लगा रहा नेताओं का तांता 

घटना के बाद घटना स्थल में नेताओं का तांता लगना शुरू हो गया. इस वीभत्स घटना के बाद नेतागण श्रेय लेने, अपनी राजनीति चमकाने और सेल्फी-फोटो लेने के लिए आते जाते रहें. हांलाकि सीमा जयवीर सिंह और प्रशासन की मदद से मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए प्रयागराज जाने हेतु वाहन की व्यवस्था कराई है. 

घटनास्थल पर रीवा लोस प्रत्याशी सिद्धार्थ राज तिवारी, पूर्व विधायक मऊगंज सुखेन्द्र सिंह बन्ना, विद्यावती पटेल और अन्य जनप्रतिनिधि पहुंचे हुए थे. सभी ने पीड़ित परिवार का ढांढस बढ़ाया. साथ ही श्रेय लेने के लिए लोग बारी बारी कलेक्टर और एसपी को फोन लगाते हुए नजर आए. 

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