महानगरों से आंगे निकला रीवा! सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में मरीज के हार्ट में किया गया प्रदेश का पहला सफल डबल चेम्बर पेसमेकर इंप्लांट

रीवा। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा (Super Speciality Hospital Rewa) में शुरु हुई कुछ उपचार सुविधाओं ने अब महानगरों को भी पीछे छोड़ दिया है। शनिवार को भी सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों ने मरीज के हार्ट में सफलतापूर्वक डबल चेम्बर पेसमेकर इंप्लांट (Double Chamber Pacemaker in Heart) कर जिले को एक बड़ी उपलब्धि दी है।

Update: 2021-04-12 12:03 GMT

इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे महानगरों को पीछे छोड़ रीवा निकला आंगे, Super Speciality Hospital में मरीज को लगाया गया Double Chamber Pacemaker

रीवा। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा (Super Speciality Hospital Rewa) में शुरु हुई कुछ उपचार सुविधाओं ने अब महानगरों को भी पीछे छोड़ दिया है। शनिवार को भी सुपर स्पेशलिटी के चिकित्सकों ने मरीज के हार्ट में सफलतापूर्वक डबल चेम्बर पेसमेकर इंप्लांट (Double Chamber Pacemaker in Heart) कर जिले को एक बड़ी उपलब्धि दी है।

प्रदेश भर में न मिलने वाली उपचार सुविधा सफलतापूर्वक शनिवार को रीवा में दी गई। हृदय रोगियों के लिए एक राहत देने वाले उपचार की जानकारी मिली है।

बताते हैं कि प्रदेश के भोपाल, इंदौर और जबलपुर के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों जो काम अभी तक नहीं कर पाये उसे रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक किया है।

अभी तक सिंगल पेसमेकर ही इंप्लांट किए जाते थें 

जानकारी के मुताबिक यहां मरीज के हार्ट में डबल चेंबर पेसमेकर इंप्लांट कर अस्पताल के डॉक्टरों ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। हालांकि इसके पहले भी पेसमेकर इंप्लांट किये गए हैं, लेकिन अभी तक केवल सिंगल पेसमेकर ही इंप्लांट किये गए थे।

शनिवार के दिन सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती मरीज के डबल पेसमेकर डॉक्टरों एसके त्रिपाठी द्वारा सफलतापूर्वक इंप्लांट किया गया।

मरीज के हार्ट में ब्लॉकेज था 

डॉक्टर एसके त्रिपाठी (Dr S K Tripathi, D.M. Cardiology, Super Speciality Hospital, Rewa) ने बताया कि रीवा निवासी वाईपी पाण्डेय अचानक बेहोस हो गए, जिन्हें परिजनों द्वारा अस्पताल लाया गया था। मरीज की ECG जांच कराई गई जिसमें हार्ट ब्लॉक होना पाया गया।

जल्द ही पेसमेकर इंप्लांट करने के लिए तैयारी की गई और शनिवार को को डबल चेंबर पेसमेकर इंप्लांट किया गया। अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। इस तरह का इंप्लांट प्रदेश के अन्य अस्पतालों में आी तक नहीं किया गया।

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