रीवा में अपराध और पुलिस कार्रवाई पर सवाल? नशे को जड़ से क्यों नहीं उखाड़ फेक रहा प्रशासन....
रीवा जिले में, नए आईजी गौरव राजपूत के पदभार संभालने के बाद पुलिस गश्त में तेजी देखी जा रही है। पुलिस हर जगह तैनात है, जिससे असामाजिक तत्वों में भय का माहौल है।;

रीवा जिले में, नए आईजी गौरव राजपूत के पदभार संभालने के बाद पुलिस गश्त में तेजी देखी जा रही है। पुलिस हर जगह तैनात है, जिससे असामाजिक तत्वों में भय का माहौल है। हालांकि, रीवा पुलिस की कार्रवाई, विशेष रूप से यातायात व्यवस्था और स्पा सेंटरों पर हालिया कार्रवाई, विवादों में रही है। लंबे समय से अनैतिक गतिविधियों की सूचना मिलने के बावजूद, पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं।
पुलिस प्रशासन पर किसका दबाव है?
रीवा में नशीली दवाओं का दुरुपयोग व्यापक है, और युवा पीढ़ी तेजी से इसकी चपेट में आ रही है। आरोप है कि पुलिस विभाग के छोटे सिपाहियों से लेकर बड़े अधिकारियों तक, सभी इस समस्या पर कार्रवाई करने के बजाय अपनी जेबें भरने में लगे हैं। युवा नशे के कारण अपनी सोचने-समझने की क्षमता खो रहे हैं, जिससे उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
अपराध का बढ़ता ग्राफ
रीवा में बढ़ते नशे के कारण युवा अपराध की दुनिया में धंसते जा रहे हैं। यदि समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो रीवा जल्द ही "उड़ता पंजाब" जैसा बन सकता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जब रीवा जिले में कोई बड़ी घटना घटती है, तो प्रशासन सख्ती दिखाता है और अपने उच्च अधिकारियों का तबादला कर देता है। हालांकि, इससे भी जिले में अपराध कम नहीं हो रहा है।