जिले भर में विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से 16 जून तक नमामि गंगे अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का मुख्य उद्देश्य आमजनता के सहयोग से जल संरक्षण और संवर्धन के प्रयास करना है। इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने कहा है कि जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न शासकीय योजनाओं तथा निजी संसाधनों से बड़ी संख्या में जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इनमें तालाब, कुएं, बावड़ी, चेकडैम, स्टापडैम जैसी जल संरचनाएं शामिल हैं। इनके रखरखाव पर ध्यान न देने तथा पूरा न होने के कारण कई जल संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिसके कारण इनमें जल संग्रहण ठीक से नहीं हो पा रहा है।
डॉ सोनवणे ने कहा है कि जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पंचायत पदाधिकारियों तथा आमजनता के सहयोग से ऐसी जल संरचनाओं का चिन्हांकन करें। इन्हें नमामि गंगे अभियान के तहत आवश्यक सुधार कराकर जल संरक्षण के योग्य बनाएं। इस कार्य के लिए मनरेगा से सहयोग दिया जाएगा। इस कार्य में आमजनता का भी सहयोग अवश्य लें। तालाबों तथा स्टॉपडैम में यदि पानी की आवक कम हो रही है तो उसके जल संग्रहण क्षेत्र में साफ-सफाई कराकर नालियों का निर्माण कराएं। जिससे पर्याप्त पानी की आवक हो। तालाब की सुरक्षा के लिए पक्के आउटलेट का निर्माण भी अवश्य कराएं। जल संरचनाओं के जल भराव क्षेत्र तथा जल निकासी में यदि अवैध निर्माण के कारण पानी के बहाव में किसी तरह की रूकावट आ रही है तो अवैध निर्माण तत्काल हटवाएं। नमामि गंगे अभियान में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए चिन्हित तालाब, बावड़ी, स्टापडैम तथा अन्य जल संरचनाओं की सूची तत्काल प्रस्तुत करें। सूची में विकासखण्ड तथा ग्राम पंचायत का नाम जल संरचना का विवरण एवं जल भराव न होने के कारण का उल्लेख अवश्य करें