Rewa : बाढ़ से फसलें तबाह, 24 घंटे बाद भी नदियां उफान पर

Rewa / रीवा। विगत दिनो से हो रही लगातार बारिश ने लोगो को बेहाल किया हुआ है। बारिश का कहर जिले भर में जारी है। बारिश रुके 24 घंटे का समय बीत चुका है। लेकिन जल भराव से बाढ का खतरा बना हुआ है। अगर बारिश होती है तो बाढ से और अधिक नुक्शान हो सकता है। अभी भी जिले के कई नदियां उफान पर है। खेतों में कई दिनों से पानी भरा होने फसलें तबाह हो गई हैं। वही पता चल रहा है कि टमस, बेलन जैसी मुख्य नदियां अभी भी उफान पर हैं। वहीं नालों तथा उनकी सहायक नदियो में पानी तेज चल रहा है। 

Update: 2021-08-02 15:59 GMT

Rewa / रीवा। विगत दिनो से हो रही लगातार बारिश ने लोगो को बेहाल किया हुआ है। बारिश का कहर जिले भर में जारी है। बारिश रुके 24 घंटे का समय बीत चुका है। लेकिन जल भराव से बाढ का खतरा बना हुआ है। अगर बारिश होती है तो बाढ से और अधिक नुक्शान हो सकता है। अभी भी जिले के कई नदियां उफान पर है। खेतों में कई दिनों से पानी भरा होने के कारण फसलें तबाह हो गई हैं। वही पता चल रहा है कि टमस, बेलन जैसी मुख्य नदियां अभी भी उफान पर हैं। वहीं नालों तथा उनकी सहायक नदियो में पानी तेज चल रहा है। 

नदी नालों का जलस्तर ज्यादा

जानकारी के अनुसार जिले में तराई क्षेत्र में बाढ का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। शनिवार और रविवार की रात हुई बारिश से तराई के कई गांव के लोगों को घर छोडने पर विवश कर दिया। सोमवार को भी पानी का स्तर कम न होने से अभी नाले उफान पर हैं। 

बेलन नदी 3 फिट ऊपर चल रही है। बेलन नदी में पानी ज्यादा होने से डीही अमिलिया पहुचं मार्ग अभी भी बंद है। बेलन नदी के पानी का असर मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश के सीमाई क्षेत्र के लिए काफी नुक्सानदेह है। 

इसी तरह त्योंथर के पास टमस नदी हनुमान जी के मंदिर से 25 फिट टमस में पानी है। टमस नदी में पानी का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। जानकारी के अनुसार चाकघाट के तेलना नाला 3 फिट के उपर चल रहा है। वही चन्द्रपुर के पास 1 फिट टमस बह रही है। त्योंथर में अमहा रोड अभी भी बंद है। 

फसल तबाह, किसान बेहाल

कई दिनों की बारिश से खेतों में पानी भर गया है। वही शनिवार और रविवार को पानी ज्यादा गिरने से खेतों मे कई फिट पानी भर गया। तराई में सबसे ज्यादा धान की फसल बोई जाती है। लेकिन कई दिनों से फसलें पानी मे डूबी हैं ऐसे में उनके सड़ जाने का खतरा बना हुंआ है। फसल खराब हो जाने के डर से किसान बेहाल है। अगर समय रहते किसानो के सहायता नही पहुंचाई गई तो वह तबाह हो जायेगा। 

एसडीईआरएफ की टीम तैनात

बारिश भले ही रुक गई है। लेकिन अभी बादलों को डेरा बना हुआ है। लोग अभी राहत नही ले पा रहे है। गांव में एसडीईआरएफ की टीम तैनात है। वह नदियो के जल स्तर पर लगातार नजर बनाए हुंए है। वही मौसम की ओर भी निगरानी बरती जा रही है। 

राहत कैम्प में अभी भी लोग

गांवो में पानी का स्तर अभी भी कम नही हुआ है। ऐसे में लोग अपने घरों की ओर नही जा पा रहे है। लोग अभी भी राहत कैंम्प में रुके हुए हैं। आदेश के अनुसार ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव लोगों के भोजन पानी का इंतजाम कर रहे हैं।

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