रीवा में आरक्षक न्यायालय से दोषमुक्त, पत्नी ने दर्ज कराया था झूठा मुकदमा

रीवा जिला अदालत ने पुलिस आरक्षक को दोषमुक्त कर दिया है।

Update: 2024-07-03 18:58 GMT

रीवा. रीवा जिला अदालत ने पुलिस आरक्षक को दोषमुक्त कर दिया है। आरक्षक के पक्ष में पैरवी कर रहें अधिवक्ता सुधीर सिंह बघेल ने बताया कि 26 सितंबर 2022 को विश्वविद्यालय थाने में महिला अर्चना तिवारी (परिर्वतित नाम) निवासी ग्राम मझिगवां ने शैलेश मिश्रा तनय शिवेन्द्र कुमार मिश्रा 33 वर्ष निवासी पोखरी टोला के खिलाफ मारपीट का प्रकरण दर्ज कराया था। न्यायालय में चालान पेश करने के बाद ट्रायल चला। जहां साक्ष्य के आभाव में पुलिसकर्मी पति को बरी कर दिया गया है। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अजय कुमार नागेश ने फैसला सुनाया है।

बता दें कि आरक्षक शैलेश मिश्रा की शादी जून 2021 में बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के मझिगवां गांव में हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही पति व पत्नी में अनबन हो गई। ऐसे में पत्नी ने पति के ऊपर झूठा मुकदमा विश्वविद्यालय थाने में दर्ज करा दिया। इस मामले में विश्वविद्यालय पुलिस ने जल्दबाजी दिखाते हुए आईपीसी की धारा 294, 323, 506 का अपराध दर्ज किया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद 28 जून को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।

इसके बाद इसी केस में महिला अर्चना तिवारी (परिर्वतित नाम) ने अपीली कोर्ट में अपील किया था. वहां से भी अपील ख़ारिज कर शैलेश मिश्रा तनय शिवेन्द्र कुमार मिश्रा को 24 जून 2024 को दोषमुक्त बरी कर दिया गया है.

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