सरकारी कमरे में मृत मिले रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर

रीवा के विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत शायकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर की उनके सरकारी कमरे के अंदर लाश पाई गई।

Update: 2022-05-16 10:16 GMT

रीवा के विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत शायकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में पदस्थ प्रोफेसर की उनके सरकारी कमरे के अंदर लाश पाई गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे के दरवाजे को तोड़ कर अंदर प्रवेश किया। कमरे के अंदर जाने पर पुलिस ने देखा कि प्रोफेसर एक कुर्सी पर मृत अवस्था में पड़े हुए है। मृत प्रोफेसर के शव को पीएम के लिए संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया। यहां भर्ती रहे प्रोफेसर के शव का पीएम करने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया है।

कैसे चला पता

पुलिस ने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रो. दीपक राज 59 वर्ष सिविल ब्रांच में प्राध्यापक थे। कॉलेज के ही सरकारी कमरे में वह रहते थे। माना जा रहा है कि 14 तारीख की रात को ही उनकी मौत हो चुकी थी। 15 मई की शाम तक जब किसी ने उन्हें नहीं देखा तो पड़ोसियों को कुछ शंका हुई। काफी देर तक आवाज देने के बाद भी जब प्रोफेसर ने दरवाजा नहीं खोला तो इसकी सूचनना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे के दरवाजा तोड़ कर अंदर प्रवेश किया। जहां प्रोफेसर मृत अवस्था में पडे़ हुए थे।

अकेले रहते थे प्रोफेसर

पुलिस ने बताया कि जबलपुर जिले के सिहोरा निवासी प्रो. दीपक राज वर्षों से अकेले ही अपने सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे। उनकी पत्नी भोपाल में और बेटा सिंगरौली में रहता है। माना जा रहा है कि इसी अकेलेपन के कारण वह काफी परेशान भी रहते थे। परिवार से दूर रहने के कारण कई बार उन्हें तनाव और परेशानी में भी देखा गया था।

हार्ट-अटैक की संभावना

प्रो. दीपक राज का शव जिस तरह से कुर्सी पर निढाल अवस्था में पाया गया उससे माना जा रहा है कि उनकी मौत का कारण हार्ट-अटैक है। हालांकि प्रोफेसर की मौत के सही कारणां का पता तो पीएम रिपोर्ट और पुलिस जांच के बाद ही चल पाएगा।

वर्जन

सरकारी क्वार्टर में प्रोफेसर का शव मिला है। मौत का कारण अस्पष्ट है। संभवतः प्रोफेसर की मौत हार्ट अटैक से हुई है। पीएम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जेपी पटेल थाना प्रभारी विवि

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