Charan Paduka Scheme: रीवा जिले में 59 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा चरण पादुका योजना का लाभ, दी जाएगी यह सामग्री
Rewa News: मध्य प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वाले श्रमिकों को सरकार द्वारा हर साल चरण पादुका योजना के तहत साड़ी, चप्पल एवं छाता एवं पानी की बाटल वितरित की जाती है। इस बार भी इन सामग्रियों का वितरण किया जाना है।
मध्य प्रदेश में तेंदूपत्ता का संग्रहण करने वाले श्रमिकों को सरकार द्वारा हर साल चरण पादुका योजना के तहत साड़ी, चप्पल एवं छाता एवं पानी की बाटल वितरित की जाती है। विगत वर्ष इस सामग्री वितरण में दिए गए जूतों को लेकर विपक्ष ने न सिर्फ सवाल उठाए थे बल्कि यह भी आरोप लगाए थे कि इससे श्रमिकों को कई तरह के रोग हो रहे हैं। इसको लेकर सरकार इस बार पूरी तरह से अलर्ट है। 26 जुलाई से योजना का शुभारंभ होने से पहले सामग्रियों की जांच के लिए सेम्पलिंग कराए जाने भोपाल स्थित मुख्यालय भेजा गया है। बता दें कि मध्य प्रदेश के रीवा जिले में लगभग 59 हजार 195 लोगों को चरण पादुका योजना के तहत सामग्री का वितरण किया जाना है।
लघु वनोपज को जवाबदेही
यहां पर बता दें कि वर्ष 2022 में चिन्हित किए गए श्रमिकों को जुलाई 2023 में सामग्री का वितरण किया जाएगा। इस योजना को सरकार ने चरण पादुका-2 का नाम दिया है। पूरे वितरण की जवाबदेही मध्यप्रदेश लघु वनोपज संघ को दी गई है। जिसमें तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता, चप्पल, पानी की बोतल, साड़ी और छाता का वितरण किया जाएगा। जानकारी अनुसार मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कुल 59195 सदस्य हैं जिनमें 24985 महिला सदस्य हैं एवं पुरुष सदस्य 34210 हैं। वहीं वितरित की जाने वाली बोतलों की संख्या 20411 है तथा जूतों की संख्या 20411, चप्पल 20411 एवं साड़ी 24985 निर्धारित की गई है। वनोपज सहकारी यूनियन से मिली जानकारी के अनुसार जिन श्रमिकों की यह सामग्री वितरित की जानी है उन्हें सूचीबद्ध कर लिया गया है।
भोपाल में होगी जांच
जानकारी के मुताबिक श्रमिकों को जिन सामग्रियों का वितरण किया जाना है उनके सेम्पल भी भोपाल स्थित वन विभाग के मुख्यालय में मंगाए गए हैं। जहां वितरित की जाने वाली सामग्रीकी जांच की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 में जब चरण पादुका योजना में श्रमिकों को जूते वितरित किए गए उसके बाद विपक्ष ने इस योजना पर ही सवाल उठाए थे और जूतों की क्वालिटी घटिया बताते हुए यह आरोप लगाए गए थे कि जो जूते वितरित किए गए हैं वह बेहद घटिया हैं जिससे श्रमिकों के पांव में गंभीर रोग हो रहे हैं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। किंतु इस बार सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है और विपक्ष को किसी भी तरह का मौका चरण पादुका योजना पर मौका न मिले इसको लेकर लगातार क्वालिटी पर निगरानी रखी जा रही है साथ ही जांच भी होगी।