रीवा का लक्ष्मण बाग मंदिर: चारों धाम के दर्शन एक ही जगह, जानिए इसका इतिहास
रीवा के लक्ष्मण बाग मंदिर में चारों धाम के दर्शन एक साथ किए जा सकते हैं। जानिए इस प्राचीन मंदिर का इतिहास और इससे जुड़ी रोचक बातें।
रीवा में स्थित लक्ष्मण बाग मंदिर एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां आप चारों धाम के दर्शन एक साथ कर सकते हैं। इस मंदिर की स्थापना 1618 ईस्वी में रीवा के बघेल राजाओं ने कराई थी। यह मंदिर रीवा के बिछिया नदी के तट पर स्थित है और शहर में आस्था का प्रमुख केंद्र है।
कैसे पड़ा इस मंदिर का नाम?
इतिहासकारों के मुताबिक, रीवा के बघेल राजाओं के आराध्य देव भगवान लक्ष्मण थे, इसलिए उन्होंने इस मंदिर का नाम लक्ष्मण बाग रखा। ऐसी मान्यता है कि आज भी रीवा के किले में भगवान लक्ष्मण का राज है।
मंदिर की खासियत:
- चारों धाम के देवी-देवताओं के विग्रह स्थापित हैं।
- बिछिया नदी के तट पर स्थित है, जो मंदिर की परिक्रमा करती हुई प्रतीत होती है।
- कई धार्मिक आयोजन यहां होते रहते हैं।
लक्ष्मण बाग की संपत्ति:
लक्ष्मण बाग संस्थान का मुख्यालय रीवा में है। इस संस्थान ने देश भर में कई मंदिरों और आश्रमों का निर्माण कराया है। पहले रीवा के राजा इस संस्थान को संचालित करते थे। उन्होंने देश के बड़े तीर्थ स्थलों में जमीन खरीदकर मंदिर और आश्रम बनवाए थे ताकि रीवा से तीर्थ यात्रा पर जाने वाले लोगों को रुकने की सुविधा मिल सके।