हार्ट पूरी तरह से ब्लॉक था, जटिल आपरेशन कर बचाई गई जान
हार्ट की नस पूरी तरह से ब्लॉक होने पर एआईसीडी प्रोसीजर कर जान बचायी गयी।
रीवा: शहर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में पदस्थ चिकित्सक डॉ.एसके त्रिपाठी द्वारा एआईसीडी प्रोसीजर कर एक मरीज की जान बचाई गई। बताया गया है कि मरीज की स्थिति बेहद नाजुक थी। हार्ट की नस पूरी तरह से ब्लॉक थी। समय पर अगर यह प्रोसीजर नहीं की जाती तो उनकी जान भी जा सकती थी।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एसके त्रिपाठी ने बताया कि हार्ट फेलियर मरीज की जीवन रक्षा के विंध्य प्रदेश में पहली बार एक जटिल प्रोसीजर इंप्लाटेबल कार्डियोवर्टर डिफ्रेविलेटर इंप्लांट सफलापूर्वक किया गया। बताया गया है कि उक्त प्रोसीजर की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि मरीज पूरी तरह से हार्ट ब्लाक के साथ-साथ हृदय की जानलेवा तेज धड़कन से परेशान था। बिना प्रोसीजर के मरीज की जान भी जा सकती थी। एआइसीडी प्रोसीजर करने से अब मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है। इसी प्रकार डॉ. त्रिपाठी द्वारा चार ऐसे मरीज जिनकी नस पूरी तरह से बंद थी एंजीयोप्लास्टी कर उनकी जान बचाई गई। अगर संबंधित मरीजों की एंजीयोप्लास्टी नहीं की जाती तो भविष्य में मरीजों की जान बचाने के लिए बायपास जैसे बडे़ आपरेशन की आवश्यकता पड़ सकती थी। कार्डियोलॉजी विभाग की इस उपलब्धि पर चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने कार्डियोलॉजी टीम को बधाई दी।
विभाग की उपलब्धि
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रीवा कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा पूर्व में भी कई जटिल आपरेशन किए गए हैं। जिसमें डबल चेंजर पेसमेकर, ईपी स्टडी एवं एबलेशन, सीआरटीडी एवं बलून मेट्रोब्लावोटॉमी आदि प्रोसीजर शामिल है। गौरतलब है कि पूर्व में पेसमेकर इप्लांट, एंजीयोप्लास्टी सहित अन्य गंभीर बीमारियों के लिए मरीजों को बाहर जाना पड़ता था। लेकिन अब विंध्य के मरीजों को अपनी बीमारी के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता। जिससे मरीजों के समय की बचत के साथ ही धन की भी बचत होती है।