Doctors Day Special: स्वस्थ होकर जाने वाले मरीजों का कृतज्ञता भाव मन को संतोष देता है - डॉ. यत्नेश त्रिपाठी

Doctors Day Special/Rewa News:  श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय (Shyamshah Medical College) अन्तर्गत गांधी स्मारक चिकित्सालय के सहायक अधीक्षक डॉ. यत्नेश त्रिपाठी (Dr. Yatnesh Tripathi) कोविड-19 के प्रबंधन का संपूर्ण दायित्व संभाल रहे हैं। वह बताते हैं कि कोरोना महामारी ने न जाने कितनों को अपनों से छीना। मगर संजय गांधी अस्पताल रीवा की बेहतर इलाज सुविधाओं से अधिकाधिक संक्रमित मरीज ठीक होकर घर गये। स्वस्थ्य होकर जाने वाले मरीजों का कृतज्ञता का भाव हमारे मन को संतोष देता है और डॉक्टर होने पर मुझे गर्व होता है।

Update: 2021-06-30 19:33 GMT

Doctors Day Special/Rewa News:  श्यामशाह चिकित्सा महाविद्यालय (Shyamshah Medical College) अन्तर्गत गांधी स्मारक चिकित्सालय के सहायक अधीक्षक डॉ. यत्नेश त्रिपाठी (Dr. Yatnesh Tripathi) कोविड-19 के प्रबंधन का संपूर्ण दायित्व संभाल रहे हैं। वह बताते हैं कि कोरोना महामारी ने न जाने कितनों को अपनों से छीना। मगर संजय गांधी अस्पताल रीवा की बेहतर इलाज सुविधाओं से अधिकाधिक संक्रमित मरीज ठीक होकर घर गये। स्वस्थ्य होकर जाने वाले मरीजों का कृतज्ञता का भाव हमारे मन को संतोष देता है और डॉक्टर होने पर मुझे गर्व होता है।

डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि कोविड-19 की पहली लहर से वह प्रबंधन का दायित्व संभाल रहे हैं। जरूरत के अनुसार व उपलब्ध संसाधनों से पहली लहर में मरीजों का इलाज हुआ। उस दौर में डर ज्यादा था। कोरोना गाइडलाइन व अनुभवों के आधार पर डॉक्टर्स व स्टाफ ने पीपीई किट पहनकर इलाज किया। मगर दूसरी लहर ज्यादा घातक थी। इसमें कई डॉक्टर्स व स्टाफ के लोग भी संक्रमित हुए।

रीवा के जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों व डीन के प्रयासों से बिस्तर, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन की कमी नहीं आयी और हम सब ने पूरी शिद्दत से मरीजों का इलाज किया। सभी ने नियत 8 घंटे की डयूटी से अधिक डयूटी की उस समय तो यह कभी नहीं लगा कि मेरा डयूटी का समय पूरा हो गया बल्कि यह लगता था कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों को इलाज की सुविधा मिले। हमने अपनी कमियों में सुधार किये व बेहतर इलाज देकर लोगों को स्वस्थ्य किया और स्वस्थ्य होकर जाने वाले मरीजों के मन का कृतज्ञता का भाव हमारे डॉक्टर होने का गर्व से सिर ऊंचा कर देता है।

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि संभावित तीसरी लहर के लिये हम पूर्व के अनुभवों व चुनौतियों से सीख लेकर तैयार हैं। यदि संक्रमण होता है तो उसका हम सामना कर पायेंगे। तीसरी लहर में ज्यादा बच्चों के संक्रमण का डर है क्योंकि बड़ों में या तो एंटी वाडीज बनने या टीका लगने से इम्यूनिटी बढ़ गई है मगर बच्चे अभी असुरखित हैं उनमे कोरोना का आक्रमण हो सकता है। अत: उनकी सुरक्षा इसी में है कि सभी लोग टीका लगवायें क्योंकि टीका ही सुरक्षा कवच है। डॉ. त्रिपाठी ने जनमानस से अपील की कि कोरोना अभी पूरी तरह गया नहीं है अत: मास्क लगायें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें व हाँथ साफ रखें।

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