रीवा में भ्रष्टाचारी राजस्व निरीक्षक को 4 वर्ष का कारावास, विशेष न्यायाधीश ने सुनाया फैसला

रीवा की विशेष अदालत ने भ्रष्ट और घूंसखोर राजस्व निरीक्षक (RI) को चार वर्ष की सजा सुनाई है. साथ ही 2 हजार रूपए के अर्थदंड अधिरोपित किया है.

Update: 2021-08-11 03:20 GMT

सांकेतिक

रीवा। विशेष न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार के मामले में फैसला सुनाते हुए घूसखोर राजस्व निरीक्षक को 4 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 2 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है।

अपराध क्र0 190/2015 की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय लोकायुक्त और अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीश दीक्षित ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत 3 वर्ष के कठोर कारावास और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही धारा 13 के तहत 4 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रुपए के जुर्माना की सजा से दण्डित किया है।

2015 में लोकायुक्त ने दर्ज किया था मामला

मीडिया प्रभारी मो. अफजल खान एडीपीओ रीवा से मिली जानकारी के अनुसार 16 मई 2015 को राजस्व निरीक्षक श्यामलाल कोरी पिता गणेश प्रसाद कोरी को लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। दर्ज मामले की सनुवाई के पश्चात सजा सुनाई है। लोकायुक्त की हो रही लगातार कार्रवाई और भ्रष्टाचारियों पर हो रहे निर्णय से भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।

क्या है मामला

जानकारी के अनुसार सोहावल निवासी राममुनि तिवारी पिता रामबदन उम्र 27 वर्ष ने लाकायुक्त में शिकायत करते हुए बताया कि जमीन का सीमांकन करवाने के लिए आवेदन दिया था। सीमांकन करने के लिए राजस्व निरीक्षकश्यामलाल कोरी ने 6 हजार रूपये की रिश्वत मांगी थी।

लोकायुक्त ने मामले का सत्यापन करवाया जो सही मिला। इसके बाद ट्रैपिंग की कार्रवाई की गई। जिसमें गठित टीम ने 19 मई 2015 को सुबह 7ः30 बजे आरोपी राजस्व निरीक्षक अपने किराए के मकान डभौरा में रिश्वत के 6 हजार लेते हुए गिरफ्तार किया था।

जिला अभियोजन अधिकारी सुशील कुमार शुक्ला के निर्देश में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी (लोकायुक्त) सचिन द्विवेदी द्वारा शासन की ओर से मामले में प्रस्तुत किया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश व विशेष न्यायालय लोकायुक्त गिरीश दीक्षित ने मामले के सभी बिंदुओं को सुनते हुए आरोपी राजस्व निरीक्षक श्यामलाल कोरी को सजा सुनाई।

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