सीमा में भारतीय-चीनी सैनिकों के भिड़ंत में क्यों नहीं चलती गोलियां, यहाँ जानिए...
लद्दाख. 45 वर्षों बाद भारतीय और चीनी सामने एक दूसरे के सामने हिंसक हो गए हैं. इस बीच दोनों ओर से एक भी गोलियां नहीं चली. कटीले तारों को डंडों ;
लद्दाख. 45 वर्षों बाद भारतीय और चीनी सेना सामने एक दूसरे के सामने हिंसक हो गए हैं. भारत के 20 जवान शहीद हो गए जबकि चीन के 43 से अधिक जवानों के हताहत होने की खबर है. इस बीच दोनों ओर से एक भी गोलियां नहीं चली. कटीले तारों को डंडों में बांधकर चीन की सेना ने बातचीत के दौरान हमला बोला. क्या आप जानते हैं दोनों देशों की तरफ से गोलियां न चलने की वजह ?
आईये जानते हैं आखिर किस वजह से भारतीय-चीनी सीमा में सैनिकों के भिड़ंत में क्यों नहीं चलती गोलियां
इसके पीछे का कारण दोनों देशों के बीच हुआ एक समझौता है, जो 1993 में हुआ था. जो तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने चीन की यात्रा के दौरान किया था.
चाइना बॉर्डर पर धोखा: बातचीत के बीच चीनी फ़ौज का भारतीय सेना पर हमला, 20 भारतीय सैनिक शहीद, चीन के 43 सैनिकों के हताहत की खबर
चीन के साथ लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) करीब 3,488 किलोमीटर की है, जबकि चीन मानता है कि यह बस 2000 किलोमीटर तक ही है. साल 1991 में तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री ली पेंग भारत दौरे पर आए थे. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने ली के साथ एलएसी शांति और स्थिरता बनाए रखने को लेकर बातचीत की थी.