हमारा रिकवरी रेट 50% से ऊपर; इकोनॉमी में भी सुधार दिख रहा: PM मोदी

हमारा रिकवरी रेट 50% से ऊपर; इकोनॉमी में भी सुधार दिख रहा: PM मोदीनई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 21 राज्यों

Update: 2021-02-16 06:24 GMT

हमारा रिकवरी रेट 50% से ऊपर; इकोनॉमी में भी सुधार दिख रहा: PM मोदी

नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 21 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के हालातों पर चर्चा की  हैं। अनलॉक1 को 2 सप्ताह हो रहे हैं, इस दौरान जो अनुभव आए हैं उसकी समीक्षा उसपर चर्चा आगे के लिए बहुत उपयोगी हो सकती हैं :21 राज्यों और UTs के CMs के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में PM मोदी

अपने 15 मिनट के ओपनिंग कमेंट्स में मोदी ने कोरोना से लड़ाई में सरकार के कदम, राज्यों के सहयोग, कोरोना से बचाव के तरीकों, लॉकडाउन के असर, अनलॉक-1, इकोनॉमी और रिफॉर्म्स की बात की।

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मोदी ने कहा कि दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट हमारे लॉकडाउन और अनुशासन की चर्चा कर रहे हैं। देश में रिकवरी रेट 50% से ऊपर चला गया है। भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है, जहां संक्रमितों का जीवन बच रहा है।

मुख्य बातें :

मोदी ने कहा कि हमारी जनसंख्या के मुकाबले कोरोना उतना विनाश नहीं दिखा पाया, जितनी आफत दुनिया के और देशों में आई। भविष्य में जब कभी कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई का अध्ययन होगा, तो ये दौर इसलिए भी याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया, को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे अच्छा उदाहरण पेश किया।
हमारे लिए किसी एक भारतीय की मृत्यु भी असहज करने वाली है। भारत दुनिया के उन देशों में है जहां कोरोना से सबसे कम मौतें हो रही हैं। भारत कोरोना के इस संकट में अपने नुकसान को सीमित करते हुए आगे बढ़ सकता है। अर्थव्यवस्था को तेजी से संभाल सकता है। 2 हफ्ते के अनलॉक-1 में ये सीख मिली है कि हम नियमों का पालन करते रहे तो कोरोना संकट से भारत को कम से कम नुकसान होगा।

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मास्क या फेस कवर पर बहुत ज्यादा जोर देना जरूरी है। बिना मास्क घर से बाहर निकलने की कल्पना करना भी गलत है। ये जितना खुद के लिए खतरनाक है उतना ही आस-पास के लोगों के लिए। इसलिए दो गज की दूरी की बात हो, हाथ धोने की बात हो या सैनिटाइजेशन की बात हो, ये सभी काम गंभीरता से किए जाने चाहिए। घर के बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा के लिए ये बहुत जरूरी हैं।अब तक लगभग सभी ऑफिस खुल चुके हैं।
प्राइवेट ऑफिस भी खुल चुके हैं। थोड़ी सी भी लापरवाही, अनुशासन में कमी कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को कमजोर करेगी और इतने दिन की तपस्या पर पानी फिर जाएगा। हमें इस बात का ध्यान रखना है कि कोरोना को जितना रोक पाएंगे उतना ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, दफ्तर खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे और उतने ही रोजगार के साधन बढ़ेंगे। 
आने वाले दिनों में जिस तरह से इकोनॉमी का विस्तार होगा, उससे सभी को फायदा होगा। हमारी अर्थव्यवस्था में ग्रीन शूट दिखने लगे हैं। पावर कंजम्प्शन बढ़ने लगा है। मई में फर्टिलाइजर की सेल दोगुनी हुई है। खरीफ की बुवाई इस साल 12-13% ज्यादा हुई। वाहनों का प्रोडक्शन लॉकडाउन से पहले के 70% के लेवल पर पहुंच चुका है। लगातार तीन महीने में एक्सपोर्ट में कमी के बाद जून में फिर से बढ़कर पिछले साल के स्तर पर पहुंच गया है। ये सभी हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

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