29 अप्रैल को 19 हजार KM की स्पीड से पृथ्वी के पास आएगा उल्का पिंड, फिर...
29 अप्रैल को 19 हजार KM की स्पीड से पृथ्वी के पास आएगा उल्का पिंड, फिर...29 अप्रैल का दिन चर्चाओं में है। एक उल्का पिंड यानी एस्टेरॉयड
29 अप्रैल को 19 हजार KM की स्पीड से पृथ्वी के पास आएगा उल्का पिंड, फिर...
29 अप्रैल का दिन चर्चाओं में है। एक उल्का पिंड यानी एस्टेरॉयड पृथ्वी के निकट से गुजरने वाला है। वैज्ञानिकों और आम लोगों सभी के लिए यह आकर्षण का केंद्र है। यह बेहद तेज है और विशाल भी। करीब 1.2 मील चौड़ा यह पिंड अपने निर्धारित समय पर बिजली की गति से तेजी से नजदीक आता जा रहा है। ठीक 29 अप्रैल की सुबह साढ़े पांच बजे यह हमारी धरती के करीब होगा।
यह उल्का पिंड धरती से टकराएगा या नहीं, इस पर सोशल मीडिया पर खूब बातें हो रही हैं। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों ने आश्वस्त किया है कि यह सुरक्षित फासले से पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा और पृथ्वी बच जाएगी। खास बात यह है कि इसकी रफ्तार 19 हजार किलोमीटर प्रति घंटा है। इसकी ताजा तस्वीर सामने आई है। मजे की बात यह है कि इसकी आकृति किसी मॉस्क लगाए चेहरे जैसी नज़र आ रही है।
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मॉस्क जैसी आकृति का कारण इस पर मौजूद पहाड़ी नुमा स्थान और खाली मैदानों की लकीरें हैं। जब यह धरती के पास होगा तब इसकी दूरी पृथ्वी व चांद की दूरी की 15 गुना दूरी के समान होगी। धरती से चांद की दूरी 3 लाख किमी है, यानी यह उल्का पिंड पृथ्वी से 30 लाख से भी अधिक किमी की दूरी से गुज़र जाएगा। लेकिन यह अपने आप में बड़े आकार का है। 1998 में नासा ने इसका पता लगा लिया था, इसी के चलते इसका नाम 1998 OR2 रखा गया है।
59 साल बाद वापस आएगा
यही उल्का पिंड आज से 59 साल बाद यानी वर्ष 2079 में वापस सौर मंडल में आएगा। अरेबिको वेधशाला के स्पेशलिस्ट फ्लेवियन वेंडीटी का कहना है कि 2079 में यह खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि तब इसकी पृथ्वी से दूरी महज 3.5 गुना ही रह जाएगी। यानी अभी इसकी आर्बिट का निरीक्षण एवं अध्ययन जरूरी है क्योंकि भविष्य में यह कभी भी पृथ्वी के लिए बड़ा संकट बन सकता है।
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उल्का पिंड को लेकर हर अपडेट यहां मिलेगी
नासा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल नासा एस्टेरॉयड वॉच पर इस एस्टेरॉयड से जुड़ी सारी ताजा जानकारी व अपडेट उपलब्ध है। विश्व भर के लोगों के मन में यदि इसे लेकर कोई सवाल, जिज्ञासा है तो उसके लिए भी खुला मंच रखा गया है। कोई भी यहां अपने सवाल पूछ सकता है जिस पर नासा के विशेषज्ञ जवाब देंगे और जिज्ञासा मिटाएंगे। नासा के सेंटर फॉर नियर अर्थ स्टडीज का कहना है कि 29 अप्रैल, बुधवार को ईस्टर्न टाइम सुबह 5.56 पर यह एस्टेरॉयड पृथ्वी के निकट होकर गुज़र जाएगा। इसकी पृथ्वी से टकराने की फिलहाल कोई संभावना नहीं है।
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NASA के अनुसार जब यह पृथ्वी के पास से गुजरेगा तो यह बहुत पास होगा। लेकिन इस पास होने का क्या अर्थ है। खगोलीय भाषा में समझें तो यह पृथ्वी एवं चांद की दूरी का भी 16 गुना होगा। पृथ्वी और चांद के बीच की दूरी करीब 3 लाख मील है। यानी एस्टेरॉयड करीब 48 लाख मील दूर से गुजरेगा लेकिन इसके बावजूद इसे करीब से गुजरना कहा जा रहा है, यह सुनकर सचमुच बहुत हैरत होती है। आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि पास यानी कितना पास और दूर यानी कितना दूर। आइये आपको NASA के ही कुछ स्पेशल वीडियो के ज़रिये समझाने की कोशिश करते हैं।
गत 4 मार्च को USA अमेरिकी स्पेस रिसर्च एजेंसी नासा NASA (National Aeronautics and Space Administration) ने घोषणा की थी कि 29 अप्रैल को स्थानीय समय सुबह 5 बजकर 56 मिनट पर यह Asteroid एस्टेरायड पृथ्वी के पास से गुज़रेगा। यह भी कहा गया कि 1998 OR2 नाम का यह एस्टेरायड संभावित रूप से खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह अपने आप में बहुत विशाल है। ऐसा एस्टेरायड पहले कभी नहीं देखा गया और शायद यह पृथ्वी के पास से गुज़रने वाला सबसे बड़ा Asteroid एस्टेरायड है।
एक मील चौड़ा, 4 किमी विशाल
यह एस्टेरायड आकार में बहुत बड़ा है। इसका आकार कम से कम एक मील चौड़ा या 1.8 किमी है और पृथ्वी के आकाश की गणना पर आधारित 4.1 किमी जितना विशाल है। नासा एस्टेरायड वॉच ने दोहराया कि हालांकि यह एस्टेरायड पृथ्वी पर एक संभावित खतरनाक प्रभाव पैदा कर सकता है, बावजूद बहुत संभावना है कि इसका पृथ्वी पर या पृथ्वी पर कोई सीधा प्रभाव पड़ेगा।