New PhD Rules: यूजीसी ने पीएचडी के नियमों में किया बदलाव, नई अधिसूचना जारी

यूजीसी ने पीएचडी करने के नियमों में बदलाव किया है। यूजीसी ने दाखिला प्रक्रिया, अर्हता शर्तों व मूल्यांकन के बारे में बुधवार को नई अधिसूचना जारी कर दी है।

Update: 2022-11-10 09:03 GMT

UGC Part Time PhD: यूजीसी ने पीएचडी करने के नियमों में बदलाव किया है। पीएचडी करने के लिए एक और नई श्रेणी भी इसमें जोड़ी गई है जिसका नाम है पार्ट टाइम पीएचडी। इसके तहत वर्किंग प्रोफेशनल पार्ट टाइम पीएचडी की जा सकती है। किन्तु इसके लिए भी फुल टाइम पीएचडी की शर्तों को पूरा करना होगा। इसके लिए चार साल के ग्रेजुएशन या आठ सेमेस्टर में कम से कम 75 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यूजीसी ने दाखिला प्रक्रिया, अर्हता शर्तों व मूल्यांकन के बारे में बुधवार को नई अधिसूचना जारी कर दी है।

पीएचडी के लिए योग्यता 

What qualification is necessary for PhD: पीएचडी के लिए जो नई अधिसूचना जारी की गई है उसके अनुसार अभ्यर्थी को एक साल का पीजी कोर्स करना भी जरूरी होगा। हालांकि जिन छात्रों ने पारंपरिक तीन साल का ग्रेजुएशन किया है उन्हें यूजी के बाद दो साल का पीजी करना अनिवार्य किया गया है। जबकि इसके पूर्व पीजी में 55 प्रतिशत वाले छात्रों या एमफिल कर चुके छात्रों का इंटरव्यू लेकर पीएचडी में दाखिला दे दिया जाता था।

पीएचडी के लिए नया नियम 

What will be the rules for PhD: जारी की गई नई अधिसूचना के मुताबिक संस्थानों को यह छूट होगी कि वह चाहे तो नेट-जेआरएफ या अलग प्रवेश परीक्षा के जरिए पीएचडी के लिए दाखिला दें। इस दौरान प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों से 50 फीसदी सवाल शोध प्रक्रिया पर और 50 फीसदी सवाल विषय विशेष पर पूछे जाएंगे। 70 फीसदी वेटेज परीक्षा और 30 फीसदी वेटेज इंटरव्यू का होगा। यूजीसी का कहना है कि पार्ट टाइम कोर्स का नियम लाने से पीएचडी की गुणवत्ता प्रभावित नहीं होगी। फुल टाइम और पार्ट टाइम पीएचडी करने के लिए एलिजिबिलिटी शर्तें एक जैसी ही रहेंगी। नए नियमों में वह सभी शर्तें लाई गई हैं जो क्वालिटी रिसर्च वर्क के लिए जरूरी होती हैं।

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