Azamgarh Student Death: तीसरी मंजिल का रहस्य, मौत से पहले प्रिंसिपल के कमरे के बाहर दिखी छात्रा, आखिर उस दिन क्या-क्या हुआ?
Azamgarh Student Death Reason: आजमगढ़ स्थित एक गर्ल्स कॉलेज में छात्रा की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। छात्रा की मौत को लेकर पैरेंट्स एसोसिएशन द्वारा भी मोर्चा खोल दिया गया है।
Azamgarh School Girl Shreya Tiwari Death Reason Full Story: आजमगढ़ स्थित एक गर्ल्स कॉलेज में छात्रा की मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। छात्रा की मौत को लेकर पैरेंट्स एसोसिएशन द्वारा भी मोर्चा खोल दिया गया है। प्रिंसिपल और क्लास टीचर की गिरफ्तारी के बाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन भी लामबंद हो गया है। पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ अन्य संगठनों द्वारा मिलकर शहर में जुलूस निकाला गया। प्रदेश भर में बीते दिन निजी स्कूल का संचालन बंद रहा। छात्रा की मौत मामले का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। आजमगढ़ स्कूल कांड में फिलहाल पुलिस द्वारा जांच जारी है। इस दौरान कई नए तथ्य निकलकर सामने आए हैं जो इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि प्रताड़ना से तंग आकर छात्रा ने स्कूल की तीसरी मंजिल से छलांग लगाई थी। चोट लगने से मौत की बात भी पीएम रिपोर्ट में सामने आई। आखिर छात्रा के मौत वाले दिन स्कूल में हुआ क्या था? इसको जानने की उत्सुकता हर किसी के मन में है।
उस दिन क्या-क्या हुआ था?
स्कूल में यह घटना 31 जुलाई को घटित हुई। सूत्रों का कहना है कि स्कूल में चेकिंग के दौरान 11वीं की छात्रा के बैग से मोबाइल मिलता है। स्कूल में मोबाइल लेकर आने के कारण छात्रों को काफी डांटा फटकारा जाता है। इसके कुछ दिन बाद प्रिंसिपल के सामने उसकी पेशी होती है। छात्रा को प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खड़ा रखा जाता है और उससे माता-पिता को बुलाने के लिए कहा जाता है।
इस दौरान छात्रा के घर वालों को स्कूल की ओर से फोन कर मौके पर बुलाया जाता है। किंतु परिजनों को आने में कुछ देर हो जाती है। तभी प्रिंसिपल कार्यालय के बाहर खड़ी छात्रा अचानक सीढ़ियों के जरिए तीसरी मंजिल की ओर चल पड़ती है। इसके बाद वह पलक झपकते ही तीसरी मंजिल से छलांग लगा देती है। इस घटना के बाद स्कूल में हड़कम्प की स्थिति निर्मित हो जाती है। छात्रों को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया जाता है किंतु तब तब तक उसकी मौत हो जाती है।
कुछ देर बाद जब परिजन स्कूल पहुंचते हैं तो उनको बेटी की मौत की जानकारी दी जाती है। जिससे उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है। उनके द्वारा फौरन पुलिस को इसकी जानकारी दी जाती है। जिसके बाद पुलिस व फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण करती है। छात्रा के माता-पिता स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हैं। जिसके बाद उनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर प्रिंसिपल सोनम मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय को पुलिस हिरासत में ले लेती है। विवेचना के बाद प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर धारा 302 का केस हटाकर हत्या के लिए उकसाने का मामला पंजीबद्ध किया गया।
पूछताछ में प्रिंसिपल और टीचर ने यह कहा
क्लास टीचर ने पूछताछ के दौरान बताया कि छात्रा के बैग से मोबाइल शुक्रवार को बरामद हुआ था। छात्रों को स्कूल में मोबाइल लाना प्रतिबंधित किया गया है। ऐसे में छात्रा को फटकार लगाई गई। उस दिन मामला खत्म हो गया। किंतु दो दिन बाद सोमवार को जब छात्रा स्कूल पहुंची तो प्रिंसिपल कार्यालय में उसकी पेशी हुई और पैरेंट्स को बुलाने के लिए कहा गया। जब तक परिजन स्कूल नहीं आ जाते तब तक छात्रा को ऑफिस के बाहर खड़ा रहने के लिए कहा गया। किंतु इस दौरान वह तीसरी मंजिल पहुंच गई और वहां से नीचे कूद गई। यह घटनाक्रम बहुत ही कम समय में घटित हुई। मामले को लेकर प्रिंसिपल का कहना था कि यदि उन्हें पता होता कि छात्रा ऐसा घातक कदम उठा लेगी तो वह ऐसा नहीं करते। उस पर बराबर नजर रखते। प्रिंसिपल का कहना था कि उनके भी बच्चे हैं वह सालों से इस संस्था को चला रहे हैं वह भला गलत क्यों करेंगे।
क्यों उठ रहे स्कूल प्रशासन पर सवाल?
आजमगढ़ एसपी के मुताबिक इस मामले की विवेचना के लिए एक टीम का गठन किया गया है। मौके से सबूतों को एकत्रित करने के लिए स्कूल के सीसीटीवी कैमरों को जब्त कर लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज में 31 जुलाई को 12 बजे के बाद छात्रा का प्रिंसिपल के कमरे में जाना, इसके बाद बाहर आना और कमरे के बाहर काफी देर तक खड़े रहना सब नजर आ रहा है। उनका कहना है कि लगभग 1.15 बजे के आसपास छात्रा सीढ़ी के रास्ते तीसरी मंजिल पर पहुंचती है जहां से वह नीचे गिर जाती है। घटनास्थल का जब निरीक्षण किया गया तो बेंजीन टेस्ट से यह साबित हुआ कि जिस जगह पर छात्रा गिरी थी वहां पर खून की मौजूदगी थी। किंतु उस खून को मौके से साफ कर दिया गया था। शायद स्कूल के लोगों द्वारा घटनास्थल को पानी से साफ किया गया हो। यह कृत्य सबूत मिटाने यानी कि अपराध की श्रेणी में आता है।
छात्रा को क्या मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था?
छात्रा की मौत मामले में प्रारंभिक विवेचना के दौरान यह बात सामने आई कि छात्रा के पास मोबाइल मिलने के बाद उसको मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। घटना के बाद छात्रा को क्लास अटेंड कराने के बजाय प्रिंसिपल के कार्यालय में बुलाया गया। उसको कार्यालय के बाहर काफी देर तक खड़ा रहने की सजा दी गई। जिससे छात्रा ने अपने आपको अपमानित महसूस किया और उसने यह कदम उठाया। हालांकि इस मामले की अभी जांच जारी है। अन्य लोगों पर भी सबूतों के आधार पर पुलिसिया शिकंजा कस सकता है।
पैरेंट्स एसोसिएशन व प्राइवेट स्कूल ने खोला मोर्चा
स्कूल में छात्रा की मौत मामले को लेकर पैरेंट्स एसोसिएशन व प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा भी मोर्चा खोल दिया गया है। पैरेंट्स एसोसिएशन ने प्रिंसिपल और टीचर पर कार्रवाई की डिमांड करते हुए पूरे स्कूल प्रशासन पर एक्शन लेने की बात कही। इसके लिए आजमगढ़ शहर के विभिन्न संगठनों के लोगों द्वारा जुलूस निकाला गया। इसके साथ ही डीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया। लोगों से 9 अगस्त को अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजने की अपील पैरेंट्स एसोसिएशन ने की है। जबकि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बगैर जांच के प्रिंसिपल और टीचर की गिरफ्तारी को गलत बताया। उनके द्वारा दोनों के रिहाई की मांग करते हुए निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।