Rajiv Gandhi Foundation: गांधी परिवार से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन का लाइसेंस रद्द, विदेशी फंडिंग की हेराफेरी में हुई कार्रवाई

गांधी परिवार से जुड़े गैर सरकारी संगठन 'राजीव गांधी फाउंडेशन' का लाइसेंस भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है. फाउंडेशन पर आरोप है कि उसने फॉरेन फंडिंग लॉ का उल्लंघन किया है.

Update: 2022-10-23 05:43 GMT

Rajiv Gandhi Foundation

Rajiv Gandhi Foundation: गांधी परिवार से जुड़े गैर सरकारी संगठन 'राजीव गांधी फाउंडेशन' (RGF) का लाइसेंस भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है. फाउंडेशन पर आरोप है कि उसने फॉरेन फंडिंग लॉ (Foreign Funding Law) का उल्लंघन किया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह कार्यवाही एक जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर की है. इस जांच कमेटी को गृहमंत्रालय ने जुलाई 2020 में गठित किया था.

अधिकारी ने बताया कि इस कार्यवाही से संबंधित एक नोटिस जारी किया गया है जो कि फाउंडेशन के ऑफिस भेजा गया है. हालांकि फाउंडेशन की तरफ से अभी तक किसी तरह का बयान जारी हीं किया गया है. इस फाउंडेशन की चेयरपर्सन कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. इनके अलावा इस फाउंडेशन के ट्रस्टीज में कई बड़े नेताओं के नाम शामिल हैं जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम, लोकसभा सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा हैं.

इसकी स्थापना 1991 में की गई थी, आरजीएफ कई महत्वपूर्ण मुद्दे पर काम करता है जिनमें हेल्थ, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, महिलाएं और बच्चे, दिव्यांगजनों को सपोर्ट शामिल हैं. 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने शिक्षा के विकास पर जोर दिया है. यह बात फाउंडेशन की वेबसाइट पर लिखी है.

2020 में शुरू हुई जांच

फाउंडेशन पर जुलाई 2020 में कार्रवाई शुरू की गई थी. उस वक्त अंतरमंत्रालय अंतर-मंत्रालयी कमेटी गठित की गई थी. ईडी के अधिकारी के नेतृत्व में यह कमेटी गठित की गई थी जिसे गांधी परिवार के फाउंडेशन की जांच का जिम्मा सौंपा गया था. इसमें तीन फाउंडेशन – राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट शामिल हैं. इन फाउंडेशन्स पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट और एफसीआरए के तहत जांच की जानी थी.

इस कमेटी में गृहमंत्रालय, वित्त मंत्रालय के साथ-साथ सीबीआई के अधिकारी भी शामिल हैं. इन्हें गांधी परिवार और दूसरे कांग्रेस नेताओं की जांच करनी थी कि कहीं इनमें से किसी ने विदेशी धनराशि की लॉन्ड्रिंग की हो, दस्तावेजों से छेड़छाड़ की हो या फिर इनकम टैक्स भरते हुए किसी तरह की गड़बड़ी की हो. आरजीजीटी को भी सोनिया गांधी हैड कर रही है, और यह भी एफसीआरए के अंतर्गत रजिस्टर्ड है. लेकिन इसके खिलाफ किसी तरह के उल्लंघन की बात सामने नहीं आई है.

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