International Women's Day / दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में रीवा की रंजना द्विवेदी तीसरे नंबर में, अमेरिकी संस्था ने किया था सर्वे

International Women's Day / 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इसके ठीक पहले अमेरिका की एक संस्था ने सर्वे कर दुनिया की 19 सबसे प्रभावशाली महिलाओं (19 Most Influential Women in the World) की एक लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में मध्यप्रदेश के रीवा जिले की एक आशा कार्यकर्ता रंजना द्विवेदी (Asha Worker Ranjana Dwivedi) को दुनिया में तीसरा स्थान मिला है. 

Update: 2021-03-08 11:34 GMT

International Women's Day / 8 मार्च को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इसके ठीक पहले अमेरिका की एक संस्था ने सर्वे कर दुनिया की 19 सबसे प्रभावशाली महिलाओं (19 Most Influential Women in the World) की एक लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में मध्यप्रदेश के रीवा जिले की एक आशा कार्यकर्ता रंजना द्विवेदी (Asha Worker Ranjana Dwivedi) को दुनिया में तीसरा स्थान मिला है. 

रीवा के रुपौली गाँव की निवासी आशा कार्यकर्ता रंजना द्विवेदी ने उस वक़्त लोगों की सहायता की जब दुनिया में कोरोना का संक्रमण अपने चरम पर था. उन्होंने लोगों को जागरूक करने का काम किया. लोगों का हौसला बढ़ाया, जब कोरोना काल में लोग घरों से निकलने से डर रहें थें, तब रंजना अपने घर से 7 किमी दूर पैदल चलकर अपने कार्य क्षेत्र में लोगों की मदद करती थीं. यही वजह है कि रंजना द्विवेदी का नाम सात समंदर पार बन रही एक सर्वे सूची में आ गया. दुनिया की 19 सबसे प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में उन्हें तीसरा स्थान मिला है. जो सिर्फ रीवा ही नहीं बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित करता है. 

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आशा कार्यकर्ता रंजना द्विवेदी बताती हैं कि उनके गांव से गुरगुदा गांव की दूरी करीब चार किलोमीटर है, घना जंगल है जहां पर जानवरों और डकैतों के भय से कोई नहीं जाता. इसलिए गुरगुदा तक पहुंचने के लिए पहले करीब तीन किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, फिर नदी में नाव के सहारे उस पार जाकर फिर से दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. गुरगुदा गांव में 84 घर हैं, जहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं पहुंच पाती.

चित्र और पोस्टर बनाकर किया लोगों को जागरूक करने का काम 

करीब 11 वर्षों से बतौर आशा कार्यकर्ता के रूप में सेवाएं दे रही रंजना ने बताया कि जिस तरह से आने-जाने की समस्या है, उससे शुरुआत में काम करने की इच्छा नहीं हो रही थी लेकिन जब गांव में लोगों के बीच पहुंची और देखा कि यहां बड़ी समस्याएं हैं तो अपनी समस्या भूलकर उनकी सेवा में जुट गई. संचार माध्यमों की कमी की वजह से चित्रों और पोस्टर के जरिए स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी गांव की महिलाओं और बच्चों तक पहुंचाई जा रही है.

सोशल मीडिया में पोस्टर के चित्र पोस्ट करने के बाद अमेरिका की संस्था एनपीआर डाट ओआरजी ने रंजना के बारे में अध्ययन किया और पाया कि कोरोना काल में लोगों को जागरुक करने के मामले में वह दुनिया की प्रभावशाली 19 महिलाओं में एक हैं.

वासिंगटन डीसी के नेशनल पब्लिक रेडियो में यह कहानियां प्रकाशित हुई तो दुनिया भर में रीवा जिले की रंजना द्विवेदी को लोगों ने जाना. रंजना के कार्यों की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायी है. घर से निकलकर करीब सात किलोमीटर पैदल पथरीली और पहाड़ी क्षेत्र में चलना, साथ में नदी पार करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है. इतनी ही दूरी वह वापस लौटने के लिए भी तय करती हैं. रंजना बताती हैं कि कई बार वह पथरीले रास्ते में चलते समय गिरकर चोटिल हो चुकी हैं. साथ ही नदी में नाव भी पलट चुकी है, लेकिन तैराकी जानने की वजह से वह नदी में बच गई.

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