Hariyana Minister News: सुर्खियों में हरियाणा के मंत्री अनिल विज, दांत निकलवाते हुए क्या किया, जान लें

यदि आप दांत निकलवाने जा रहे हों और चिकित्सक तन्मयता के साथ आपके दांत को निकालने का काम कर रहे हों ऐसे में कोई आपसे सवाल पूछ दे तो आपका दिमाग घूम जाएगा। किन्तु हरियाणा के मंत्री अनिल विज का कुछ निराला अंदाज देखने को मिला।

Update: 2022-11-15 11:25 GMT

Hariyana Minister News: यदि आप दांत निकलवाने जा रहे हों और चिकित्सक तन्मयता के साथ आपके दांत को निकालने का काम कर रहे हों ऐसे में कोई आपसे सवाल पूछ दे तो आपका दिमाग घूम जाएगा। किन्तु हरियाणा के मंत्री अनिल विज का कुछ निराला अंदाज देखने को मिला। अपने दंबग अंदाज के चलते हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की प्रेस कान्फ्रेंस इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रही है। उनको इस बात की भी टेंशन नहीं थी कि पत्रकार इस दौरान कौन सा सवाल उनसे पूछ सकते हैं।

हरियाणा मिनिस्टर ने डेंटल चेयर पर बैठकर की प्रेस कान्फ्रेंस

Haryana Minister ki Dental Chair Press Confrence: जानकारी के अनुसार हरियाणा के स्वास्थ्य व गृह मंत्री अंबाला कैंट सिविल अस्पताल अपना दांत निकलवाने के लिए पहुंचे थे। वे गले में हरा ऐप्रन पहनकर दांत निकलवाने के लिए डेंटल चेयर पर बैठे थे। उनके दांत निकालने की प्रक्रिया चिकित्सकों द्वारा की जा रही थी। इस दौरान मीडिया को मंत्री विज के अस्पताल पहुंचने की भनक लग गई। जिसके चलते सभी मीडिया कर्मी वहां पहुंच गए और मंत्री विज को घेर लिया और सवालों की बौछार कर दी। इस दौरान मंत्री विज भी कमजोर नहीं पड़े और उन्होंने डेंटल चेयर पर ही बैठे-बैठे पत्रकारों के जवाब देकर उन्हें संतुष्ट कर दिया।

पहले भी सुर्खियों में रहे मंत्री विज

किसी होटल या ऑफिस में नहीं बल्कि डेंटल चेयर पर बैठकर प्रेस कान्फ्रेंस करने वाले मंत्री अनिल विज का अंदाज इसके पहले भी निराला रहा है। माह सितंबर 2021 में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को सांस लेने में दिक्कत हुई थी। जिसके उपचार के लिए उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। यहां उन्होंने बिस्तर पर ही उपचाररत रहते हुए फाइलें निपटाई थीं। इसके पूर्व पीजीआई चंडीगढ़ में भी वह उपचाररत थे जहां भी उन्होंने अस्पताल में ही ज्यादातर कामों को अंजाम दिया था। इतना ही नहीं जून 2020 में भी मंत्री अनिल विज का पैर फ्रैक्चर हो गया था। मोहाली के अस्पताल में ऑपरेशन के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी और चिकित्सकों ने दो माह तक आराम करने की हिदायत दी थी। किन्तु उन्होंने बिस्तर पर आराम करने के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मोबाइल के जरिए ही पूरे प्रदेश की कमान संभाले रखी।

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