मानहानि केस में गुजरात हाईकोर्ट का फैसला: राहुल गांधी की 2 साल की सज़ा बरक़रार! अब क्या करेंगे RaGa?
Gujarat High Court verdict in Rahul Gandhi's defamation case: मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की दो साल की सज़ा को बरक़रार रखा गया है;
Rahul Gandhi Manhani Case Gujarat High Court: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं. मोदी सरनेम वाले मामले में गुजरात हाईकोर्ट ने Rahul Gandhi को सुनाई दो साल की सज़ा को बरक़रार रखा है. गुजरात HC ने सूरत कोर्ट के सुनाए फैसले को कायम रखते हुए कहा है कि हम राहुल गांधी को राहत नहीं दे सकते क्योंकी उनके खिलाफ मानहानि से जुड़े 10 केस पेंडिंग हैं.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने सभी मोदी सरनेम वाले लोगों को चोर कहा था, उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को भी चोर कहा था. इस मामले में 23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी पाते हुए 2 साल की सज़ा सुनाई थी. हालांकि इस फैसले के आधे घंटे बाद ही राहुल को बेल मिल गई थी. मगर अगले ही दिन उनकी संसद सदस्यता खत्म कर दी गई थी.
सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सूरत कोर्ट के सुनाए फैसले को बरक़रार रखा.
राहुल गांधी 2 साल के लिए जेल जाएंगे?
गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस हेमंत प्रच्छक ने फैसला सुनाते हुए कहा- राहुल के खिलाफ कम से कम 10 क्रिमिनल केस पेंडिंग हैं. इस केस के अलावा उनके खिलाफ कुछ और केस फाइल हैं. एक तो वीर सावरकर के पोते ने दायर किया है. किसी भी हाल पर सज़ा पर रोक लगाना अन्याय नहीं है. इस केस में सज़ा न्यायोचित और उचित है. राहुल गांधी ऐसे आधार पर सज़ा पर रोक की मांग कर रहे हैं जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है. सूरत कोर्ट के फैसले पर दखल देना जरूरी नहीं है, याचिका ख़ारिज की जाती है.
हाईकोर्ट के फैसले के बाद राहुल गांधी के पास दो ऑप्शन बचते हैं, या तो वो 2 साल की सज़ा पूरी कर लें और अपने राजनितिक करियर के 8 सालों का बलिदान देदें या फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ रुख करें, जाहिर है राहुल गांधी गुजरात हाईकोर्ट की तरफ से ख़ारिज हुई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। लेकिन SC ने भी उन्हें दोषी पाया तो राहुल गांधी को 2 साल जेल की सज़ा काटनी ही पड़ेगी।
राहुल गांधी मानहानि केस
2019 में कर्नाटक चुनावी सभा में राहुल गांधी ने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है? इसपर गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने केस कर दिया था. 23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सज़ा सुनाई थी.