अरुणाचल प्रदेश में भारत चीन सीमा विवाद की पूरी जानकारी, 1967 से दोनों देशों के बीच तनाव की वजह क्या है?
India-China border dispute in Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश के LAC में भारत और चीन सेना के बीच झड़प हुई है. इंडियन आर्मी ने चीनी सैनिकों को बहुत मारा है
India-China border dispute in Arunachal Pradesh In Hindi: बीते 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग (Tawang in Arunachal Pradesh) के LAC में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प हो गई. रिपोर्ट्स की माने तो इंडियन आर्मी के जवानों ने चीनी सैनिकों की हड्डियां तोड़ डाली है और उन्हें खदेड़ डाला है. जबकि इस घटना में 6 जवान घायल हुए हैं.
घटना वाले दिन 600 चीनी सैनिक तवांग के यंगस्टे में 17 हज़ार फ़ीट की ऊंचाई पर बने इंडियन आर्मी के पोस्ट को यहां से हटाने की कोशिश में घुसपैठ कर रहे थे. चीनी सैनिक अपने साथ कटीले डंडे और इलेक्ट्रॉनिक बैनेट लेकर आए थे. भारतीय सेना को इसकी जानकरी पहले ही मिल गई थी और वह झड़प के लिए बिलकुल तैयार बैठे थे. हमारी सेना भी कटीले डंडो को लिए चीनी सेना के स्वागत के लिए तैयार थी. दोनों सेना के बीच झड़प हुई और इंडियन आर्मी ने चीनी सैनिकों का तबियत से आवभगत किया, इस दौरान घुसपैठियों की हड्डियां तोड़ दी गई और उन्हें वापस उनके कैंप तक खदेड़ दिया गया. फ्लैग मीटिंग के बाद मामला शांत हुआ.
यह पहला मौका नहीं है जब चीन ने भारत की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की है. दोनों देशों के बीच तवांग LAC को लेकर दशकों से तनाव बना हुआ है. आइये अरुणाचल प्रदेश में भारत चीन सेना विवाद को समझते हैं.
अरुणाचल में भारत चीन सीमा विवाद की पूरी जानकारी
वैसे तो चीन लदाख से लेकर हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के LAC में अपना हक़ बताता है. चीन का कहना है कि तिब्बत, नेपाल, लेह, अरुणाचल, सिक्किम सब उसका है. भारत ने चीन की जमीन में कब्जा किया है. जबकि 1993 में चीन ने लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल को आधिकारिक बॉर्डर मानाने पर राजी हुआ था.
दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना मानता है. चीन का आरोप है कि भारत ने दक्षिणी तिब्बत में कब्जा कर के उसे अरुणाचल नाम दे दिया है. चीन ने 2017 में अरुणाचल के 6 जगहों के नाम अपने हिसाब से बदल दिए थे, फिर 2017 में भी चीन ने कुछ इलाकों के नाम बदल दिए जिसका जवाब भारत ने बड़ी तबियत से दिया था. पिछले साल भी चीन ने अरुणाचल के 15 जगहों के नाम चीनी और तिब्बती में रख दिए थे. चीनी सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था कि यह हमारी प्रभसत्ता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है.
- 1967 भारत चीन युद्ध
इस जमीन को लेकर चीन ने सबसे पहले 1967 में हमला किया था. सिक्किम बॉर्डर के चो ला के पास भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों को परास्त कर दिया था. इस जंग में भारत के 80 जवान शहीद हुए थे और चीन के 400 सैनिक मारे गए थे
- भारत चीन झड़प1975
चीन ने अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल के जवानों पर अचानक से हमला कर दिया था. इस घटना में 4 भारतीय जवान शहीद हो गए थे
- 1987 में हुई थी झड़प
भारत चीन के बीच तवांग के उत्तरी समदोरंग चु इलाके में हाथापाई हुई थी. को बातचीत के बाद शांत हो गई थी
- 2017 में सड़क निर्माण रोका था
डोकलाम में चीन और भारत की सेना 75 दिन तक आमने सामने थीं/ चीन यहां सड़क निर्माण कर रहा था, जिसे भारतीय सैनिकों ने रोका था
भारत के फ्रंटियर हाइवे से टेंशन में है चीन
दरअसल केंद्र सरकार चीन पर काउंटर अटैक करने के लिए पूर्वोत्तर में 40 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से फ्रंटियर हाइवे का निर्माण कर रही है. 2 हज़ार किलोमीटर लंबा यह हाइवे अरुणाचल की LAC और चीन के सामने भारत की परमानेंट ग्राउंड पोजीशन लाइन बन जाएगा।
यह भारत-तिब्बत के बीच खींची गई सीमा रेखा मैकमोहन लाइन से होते हुए अरुणाचल तक जाएगी। यह फ्रंटियर हाईवे तवांग के बाद ईस्ट कामेंग, वेस्ट सियांग, देसाली, दोंग और हवाई के बाद म्यांमार तक जाएगा।