Birbhum: पीड़ितों से मिलने गई अ-ममता का स्वागत ऐसे हुआ जैसे चुनाव जीतकर आई हो, लोगों ने कहा यह शर्मनाक है
Birbhum: मंगलवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में 2 बच्चों सहित 10 लोगों को जिन्दा जला दिया गया था, गुरुवार को ममता जब पीड़ितों से मिलने गई तो गांव को ऐसा सजाया गया जैसे ममता कोई चुनाव की जीत की ख़ुशी में रैली करने पहुंची हो
Birbhum: पश्चिम बंगाल की तानाशाह मुख्य मंत्री ममता बनर्जी का नाम उनके पर्सनालिटी से बिलकुल नहीं जचता है, जैसा उनका व्यव्हार है उस हिसाब से ममता का नाम निर्मम या फिर अ-ममता होना चाहिए। सोमवार को पश्चिम बंगाल के बीरभूम में 2 बच्चों सहित 10 लोगों को उनके घर में आग लगाकर जिन्दा जला दिया गया. मरने वाले 8 लोग एक ही परिवार के थे. इस घटना के बाद ममता ने लोगों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने की जगह गुजरात और राजस्थान में हुई घटनाओं का हवाला देना शुरू कर दिया। और जब ममता मरने वाले लोगों के घर वालों से मिलने पहुंची तो गांव को ऐसा सज़ा दिया जैसे ममता बनर्जी चुनाव की जीत में रैली निकालने के लिए पहुंची हों.
ममता बनर्जी की इस बेहूदी हरकत के बाद पूरे देश में बंगाल की मुख्यमंत्री की थू-थू हो रही है. लोगों ने कहा कि यह पीड़ितों से मिलने गई है या चुनाव प्रसार करने, एक यूजर ने कमेंट किया कि यह शर्मनाक है। और वाकई ममता बनर्जी ने जो गुरुवार को किया है वो शर्मनाक ही है, घटियापन्ति है
लोगों ने कहा शर्म आनी चाहिए
बीरभूम में 10 लोगों को जिन्दा जालकर मार दिया जाता है और 3 दिन बाद जब बंगाल की सीएम पड़ितो के परिवार से मिलने जाती हैं तो उनका स्वागत ऐसे किया जाता है जैसे कोई ख़ुशी का माहौल हो. गाँव के लोग डर से अपना घर छोड़कर जा रहें हैं और ममता के स्वागत-सत्कार में होर्डिंग और लाऊड स्पीकर सेट किए जा रहे हैं. जिस गांव में यह नरसंहार हुआ है वहां अभी तक जली हुई लाशों की बदबू फैली हुई है और प्रदेश की मुख्यमंत्री ठाठ-बाठ के साथ रैली निकाल रही है, यह शर्मनाक नहीं तो क्या है।
बीरभूम हत्याकांड में अबतक कितने गिरफ्तार हुए
पुलिस ने अबतक बीरभूम हत्याकांड के आरोप में 22 लोगों को अरेस्ट किया है, वहीं इस मामले के लिए CID और SIT के अधिकारी जांच कर रहे हैं. पीड़ितों के घर वालों की मदद के लिए ममता सरकार ने कोई मुआवजे का एलान तक नहीं किया बल्कि उनके जख्मों में नमक छिड़कने के लिए पूरे गांव में ममता के आगमन की ख़ुशी में बैनर पोस्टर लगाए गए.