Bank Fixed Deposits News: बैंकों ने बढ़ाई एफडी की ब्याज दरें, ज्यादा फायदा कहां मिलेगा जान लें
देश के कई प्रमुख बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की दरों में बढ़ोत्तरी की है। यदि आप भी बैंकों में निवेश करने चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद ही आवश्यक है कि कौन सा बैंक आपको ज्यादा मुनाफा प्रदान कर रहा है।
Bank Fixed Deposits News: देश के कई प्रमुख बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की दरों में बढ़ोत्तरी की है। यदि आप भी बैंकों में निवेश करने चाहते हैं तो आपको यह जानना बेहद ही आवश्यक है कि कौन सा बैंक आपको ज्यादा मुनाफा प्रदान कर रहा है। एफडी की दरों को बढ़ाने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी सहित देश के विभिन्न बैंक शामिल हैं। जहां निवेश कर आप मुनाफा पा सकते हैं।
एफडी पर कितना मिलेगा ब्याज
बैंक सूत्रों के अनुसार एफडी की दरों में वृद्धि की गई है। ग्राहकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से दो साल की एफडी पर आईसीआईसीआई बैंक की ब्याज दर 6.40 प्रतिशत, एसबीआई 6.25 प्रतिशत, एचडीएफसी 6.50 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 6.25 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 6.50 प्रतिशत की दर से ब्याज प्रदान करेगा। जबकि तीन साल की फिक्स्ड डिपॉजिट पर आईसीआईसीआई बैंक 6.50 प्रतिशत ब्याज दर, एसबीआई 6.10 प्रतिशत, एचडीएफसी 6.50 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 6.10 प्रतिशत, एक्सिस बैंक 6.50 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करेगा। वहीं पांच साफ की एफडी पर एचडीएफसी 6.50 प्रतिशत ब्याज दर, एसबीआई 6.10 प्रतिशत, आईसीआईसीआई 6.60 प्रतिशत, पंजाब नेशनल बैंक 6.10 प्रतिशत और एक्सिस बैंक 6.50 प्रतिशत ब्याज दर प्रदान करेगा।
एफडी के ब्याज पर भी लगता है टैक्स
एफडी से मिलने वाला ब्याज पर भी उपभोक्ताओं को टैक्स देना होता है। ग्राहक जो एक साल में एफडी पर जो ब्याज कमाते हैं वह उनकी एनुअल इनकम में जुड़ता है। कुल आय के आधार पर ही टैक्स स्लैब का निर्धारण किया जाता है। यदि आपकी आय एक वर्ष में 2.5 लाख रुपए से कम है तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस नहीं काटना। इसके लिए आपको फार्म 15जी या 15एच जमा करना पड़ेगा। यदि सभी एफडी से आपकी ब्याज इनकम वर्ष में 40 हजार रुपए से कम है तो टीडीएस नहीं काटा जाएगा। यदि आपकी ब्याज आय 40 हजार से अधिक है तो 10 प्रतिशत टीडीएस कटौती की जाएगी। हालांकि यह नियम 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों के लिए ही लागू है। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के ग्राहकों के लिए एफडी से 50 हजार रुपए तक मिलने वाली ब्याज राशि टैक्स से मुक्त होती है। इससे ज्यादा आय होने पर ही 10 प्रतिशत टीडीएस कटौती की जाएगी।