15 दिन के भीतर दो किसानों ने की आत्महत्या, खेत में बोई थी सोयाबीन की फसल, आशानुरूप उपज न मिलना बताई जा रही वजह!
किसानों का ख़स्ता हाल है, सरकार चाहे किसानों के हित लिए कितने ही दाबे कर रही हो लेक़िन मध्यप्रदेश के किसानों का बुरा हाल है, किसानों को न ही समर्थन मूल्य;
15 दिन के भीतर दो किसानों ने की आत्महत्या, खेत में बोई थी सोयाबीन की फसल, आशानुरूप उपज न मिलना बताई जा रही वजह!
रायसेन। किसानों का ख़स्ता हाल है, सरकार चाहे किसानों के हित लिए कितने ही दाबे कर रही हो लेक़िन मध्यप्रदेश के किसानों का बुरा हाल है, किसानों को न ही समर्थन मूल्य पर सही दाम मिल पाता न ही सरकार की योजना का लाभ ,ऐसा ही एक किसान ने खेत सही उपज न होने से आत्महत्या कर ली.
किसान रायसेन के सुनेहरा गांव का है जहाँ किसान कृष्ण मुरारी उर्फ पप्पू लोधी ने सोयाबीन की फसल में कम उत्पादन होने की वजह से रविवार सुबह आत्महत्या कर ली। किसान ने रात में ही अपने खेत पर हार्वेस्टर चलवाकर पांच एकड़ में खड़ी सोयबीन की फसल को कटाया था लेकिन उम्मीद के मुताबिक उत्पादन न होने की वजह से वह काफी तनाव में था। बताया जा रहा है कि उसके पास कई बैंको के अलावा साहूकारों का भी कर्ज था।
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मृतक के भाई गजराज बताते हैं कि उसके भाई के पास पांच एकड़ जमीन है जिसमें उसने सोयाबीन की फसल बोई थी। रात में ही हार्वेस्टर से उसकी कटाई कराई लेकिन पांच एकड़ में सिर्फ तीन क्विंटल सोयाबीन निकला जिस कारण भाई तनाव में आ गया था और उसने आत्महत्या कर ली। मामले पर एसडीएम अभिषेक चौरसिया ने कहा कि सुनहेरा गांव में किसान की आत्महत्या की खबर मिली है, तहसीलदार को भेजकर मामले की जांच करवा रहे हैं।
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15 दिन में दूसरा मामला
ज्ञात हो बीते माह 30 सितंबर को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में एक किसान कर्ज से परेशान होकर फांसी के फंदे पर झूल गया था। सीहोर के नापला खेड़ी के किसान नन्नू लाल वर्मा के पास 6 एकड़ जमीन थी और फसल खराब हो चुकी थी। नन्नू लाल वर्मा पर 7 लाख का कर्ज था और इसी कर्ज से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली थी। किसानों की लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ रहें हैं।यह चिंता का विषय है।