विंध्य में मंत्री बनने के लिए एक-दूसरे का पत्ता काटना शुरू, एक सांसद के इशारे में हो रही साजिश
सबसे बुरी हालत तो विंध्य में है, जहाँ से शिवराज सरकार के विश्वसनीय और 3 बार मंत्री रह चुके रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल का विरोध शुरू हो गया है
विंध्य में मंत्री बनने के लिए एक-दूसरे का पत्ता काटना शुरू, एक सांसद के इशारे में हो रही साजिश
रीवा। पूरा विश्व कोरोना वायरस से लड़ाई में जुटा हुआ है। वहीँ मध्यप्रदेश एक ऐसा प्रदेश है जहाँ कोरोना वायरस से लड़ाई के साथ साथ सियासी लड़ाई भी लड़ रहा है। मध्यप्रदेश की सियासी धरती में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है। यहाँ कमलनाथ सरकार गिरने के बाद से अभी तक पूर्ण मंत्रालय नहीं बांटा गया है। महज 5 मंत्रियों को शपथ दिलाकर इतिश्री तो कर ली गई। पर अब शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार होना है और मंत्री बनने के लिए भाजपा के विधायक एक दूसरे का पत्ता काटने का काम शुरू कर चुके हैं।
सबसे बुरी हालत तो विंध्य में है, जहाँ से शिवराज सरकार के विश्वसनीय और 3 बार मंत्री रह चुके रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल का विरोध शुरू हो गया है। दबी जुबान में यह भी कहा जाता है की विंध्य के एक सांसद हैं जो खुदको विंध्य में पावरफुल दिखाने के चक्कर में और अपने बिरादरी के विधायक को मंत्री बनाने के चक्कर में विधायकों को एक दूसरे का विरोध करवा रहें हैं। सबसे ज्यादा विरोध यहाँ पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का शुरू है, क्योंकि इनके मंत्री रहते सबसे अधिक नुकसान उन्ही सांसद महोदय को है।
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सांसद और खुद का नाम न छापने की शर्त में भाजपा के एक कद्दावर नेता और पार्टी पदाधिकारी ने बताया है की विंध्य में एक सांसद के इशारे में विधायक लामबंद होकर उनका विरोध करेंगे, जिससे राजेंद्र शुक्ल को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में जगह न मिल पाए। यह पूर्व मंत्री के खिलाफ उन सांसद की व्यक्तिगत खीझ भी कह सकते हैं, क्योंकि राजेंद्र शुक्ला के रहते उनकी विंध्य में पूंछ कम है। उनका खुद का जनाधार भी नहीं और न ही कोई विकास कार्य, बस मोदी लहर में जीते हुए सांसद हैं।
सांसद के विरोध का कारण मात्र यही है की वे नहीं चाहते की उनके संसदीय क्षेत्र में राजेंद्र शुक्ल का कोई नाम भी लें। उन्होंने बताया की राजेंद्र शुक्ल की पहचान विंध्य के विकास पुरुष के नाम पर है, रीवा ही नहीं पूरे विंध्य में उनके कार्य उल्लेखनीय हैं। हांलाकि सांसद के इस विरोध का कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ने वाला, क्योंकि राजेंद्र शुक्ल शिवराज सरकार के साथ साथ केंद्रीय नेतृत्व और आरएसएस की भी पहली पसंद हैं।
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बहरहाल अगर ऐसा है तो आने वाले समय में राजेंद्र शुक्ल के खिलाफ बड़ी साजिश हो सकती है, और इस साजिश के तहत विरोध भी। क्योंकि विंध्य में ऐसे कई विधायक हैं जो मंत्री बनने का सपना संजोए हुए हैं। परन्तु सिंधिया के समर्थकों को मंत्रिमंडल में स्थान देने के चक्कर में इस बार फिर विंध्य से उन विधायकों का मंत्री बनने का पत्ता कट सकता है, जिन्हे वाकय इस बार मंत्री बनना चाहिए था।
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