नासिक से पैदल सतना के लिए निकली महिला ने रास्ते में दिया बच्चे को जन्म, इसके बाद भी 150 किमी पैदल चली

पैदल ही नासिक से सतना (Nasik to Satna) के लिए निकलना तय किया। महिला गर्भ से थी। उसने न सिर्फ रास्ते में बच्चे को जन्म दिया बल्कि उसके बाद वह

Update: 2021-02-16 06:21 GMT

देश में कोरोना वायरस के चलते Lockdown 3.0 जारी है। इसके बावजूद भी मजदूर वर्ग हज़ारों किमी की यात्रा तय कर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़ें हैं।  सरकार की तमाम कोशिशें नाकाम नज़र आ रही है। इसी तारतम्य में एक महिला और उसके पति ने पैदल ही नासिक से सतना (Nasik to Satna) के लिए निकलना तय किया। महिला गर्भ से थी। उसने न सिर्फ रास्ते में बच्चे को जन्म दिया बल्कि उसके बाद वह बच्चे को गोद में लेकर 150 किमी पैदल चली।

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ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सामने आया है। जहां अपने घर वापस लौट रही एक प्रेग्नेंट महिला (Pregnant Woman) मजदूर ने रास्ते में ही एक बच्चे को जन्म दिया। उसके कुछ घंटे बाद ही इस महिला ने अपने मासूम बच्चे को गोद में लेकर पैदल ही 150 किलोमीटर का सफर तय किया। दरअसल, एक महिला मजदूर जो नौ महीने की प्रेग्नेंट थी लॉकडाउन के इस दौर में अन्य मजदूरों की तरह ही अपने घर लौट रही थी। इस महिला ने अपने परिवार के साथ महाराष्ट्र के नासिक से पैदल ही मध्य प्रदेश के सतना में अपने घर चलने का फैसला लिया।

काफी समय तक पैदल चलने के बाद महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी और कुछ देर बाद ही महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। सबसे हैरान करने वाली बात तो ये है कि बच्चे के जन्म के मात्र दो घंटे बाद ही उसके अपना बचा हुआ सफर शुरु कर दिया और करीब 150 किलोमीटर पैदल ही अपने घर पहुंच गई। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के नासिक से सतना के अपने गांव वापस जा रही एक प्रेग्नेंट प्रवासी महिला ने रास्ते में एक बच्चे को जन्म दिया। उनके पति का कहना है कि बच्चे के जन्म होने के बाद हमने 2 घंटे आराम किया और फिर हम कम से कम 150 किमी तक का सफर तय किया।

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लॉकडाउन के दौरान ये कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले एक महिला मजदूर चंडीगढ़ से मध्य प्रदेश के लिए पैदल जा रही थी, तभी करीब 180 किमी पैदल चलने के बाद महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी। उसके बाद महिला ने सड़क किनारे ही एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के एक घंटे बाद ही बच्ची को गोद में लेकर इस महिला ने 270 किलोमीटर पैदल चलकर अलीगढ़ तक का सफर तय किया। उसके बाद वहां कुछ देर आराम किया और करीब 1100 किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश में अपने घर का सफर शुरु कर दिया।

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