सिंगरौली: ऑडियो मामले की जांच ठण्डे बस्ते में, रिटायर्ड हो गये सहायक संचालक

सिंगरौली: ऑडियो मामले की जांच ठण्डे बस्ते में, रिटायर्ड हो गये सहायक संचालक सिंगरौली शिक्षा विभाग का एक ऑडियो बीते माह वायरल हो

Update: 2021-02-16 06:30 GMT

सिंगरौली: ऑडियो मामले की जांच ठण्डे बस्ते में, रिटायर्ड हो गये सहायक संचालक

सिंगरौली (विपिन तिवारी) । शिक्षा विभाग का एक ऑडियो बीते माह वायरल हो रहा था। उक्त आडियो को लेकर विधिवत जांच बैठाई गयी थी। एक माह का समय बीत गया लेकिन आज तक ऑडियो मामले की जांच की गई है।जांच न हो होने से कई संदेह उत्पन्न हो रहा है वहीं कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने कहा है कि अभी तक जांच प्रतिवेदन नहीं मिला है।
ज्ञात हो कि शिक्षा विभाग सिंगरौली के सहायक संचालक शिक्षा व एक नवीन मान्यता को लेकर लेन देन की बात आडियो में कैद हुई थी। उक्त आडियो में यह भी कहा गया था कि इस लेन-देन में किस खाते में और किसके खाते में यह राशि देनी है उसका आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था।

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सोशल मीडिया पर हो रहे आडियो वायरल के मामले की पतासाजी के लिए कलेक्टर ने जांच टीम बैठा दी। इस जांच टीम में डिप्टी कलेक्टर को दायित्व सौंपा गया कि इसकी विधिवत जांच की जाय। ताकि उक्त मामले का पर्दाफास हो सके। सूत्रों की बात मानें तो आडियो मामले को लेकर सीडीआर के साथ-साथ फोरेंसिक जांच की जानकारी डिप्टी कलेक्टर के द्वारा मांगी गयी। लेकिन अभी तक इन दोनों जांच नहीं हो पायी है।
ऐसे में यह लग रहा है कि कहीं न कहीं आडियो मामले की जांच ठण्डे बस्ते में तो नहीं चली गयी। क्योंकि इस मामले को लेकर काफी शिथिलता बरती जा रही है। ऐसे में अगर जांच के नाम पर कोरम पूर्ति हुई तो कहीं न कहीं जनता में गलत संदेश जायेगा। जबकि शिक्षा अधिकारी, सहायक संचालक, अमृत विद्यापीठ के संचालक सहित जो भी इस आडियो को लेकर सुर्खियों में थे सबका विधिवत बयान दर्ज किये गये हैं। जब इस संबंध में डिप्टी कलेक्टर बीके पाण्डेय से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि सीडीआर व फोरेंसिक जांच के लिए मांग की गयी है। जिसकी फाइल कलेक्टर को सौंप दी गयी है।

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आडियो मामले में मुख्य भूमिका के रूप में सहायक संचालक पर आरोप लग रहे थे। उस आडियो में यह बात सामने आ रही है कि मैं सहायक संचालक शिक्षा विभाग बोल रहा हूॅ। जिसकी जांच अभी लंबित है और इस लंबित जांच के दौरान सहायक संचालक शिक्षा गोरेलाल कोल 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गये। कहीं न कहीं सेवानिवृत्त के दौरान लेन देन का आरोप तो लग ही गया। सेवानिवृत्त व विदाई समारोह के दौरान शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मौजूद रहे।

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