कोरोना से बचाने शिवराज कैबिनेट उतरेगी मैदान पर, CM ने कहा जनवरी में तीसरी लहर की पीक संभावित
कोरोना को लेकर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार हाई अलर्ट
Madhya Pradesh Corona Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) वासियों को कोरोना के तीसरी लहर (Corona Third Wave) से बचाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) की पूरी कैबिनेट मैदान में उतरेगी। यह फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर मंत्रियों से चर्चा करते हुए लिए है।
उन्होने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर वैज्ञानिकों के अध्ययन से संकेत मिल रहे हैं कि जनवरी में तीसरी लहर का प्रभाव पीक पर आ सकता है। लिहाजा तैयारियां पुख्ता होनी चाहिए।
इस तरह की दी जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री अपने-अपने प्रभार वाले जिले में अस्पतालों के निरीक्षण करें। कोरोना के नए वैरिएंट का सामना जनभागीदारी मॉडल पर किया जाएगा। प्रदेश में ऑक्सीजन संयंत्र, वेंटिलेटर सहित अन्य सभी आपातकालीन व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। हमारा प्रयास होगा कि इन सबकी जरूरत ही न पड़े। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का कड़ाई से पालन करने के लिए वातावरण तैयार किया जा रहा है।
रिर्पोट पर तैयार होगा रोडमैप
उन्होंने कहा कि मंत्री प्रभार वाले जिले में कलेक्टर सहित जिला क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी के साथ बैठक करें। अस्पतालों में निरीक्षण की रिपोर्ट एक सप्ताह में तैयार कर दें। इस रिपोर्ट पर कैबिनेट की अगली बैठक में चर्चा कर राज्य स्तर पर एक रोडमैप तैयार किया जाएगा।
बैठक के दौरान दिसंबर के अंत तक 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन पर भी फोकस किया गया है। इसके लिए सरकार ने 8 दिसंबर को फिर से वैक्सीनेशन अभियान चलाने का फैसला किया है।
थ्री-टी रणनीति से होगा काम
नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते इसकी तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने थ्री-टी रणनीति बनाई है। थ्री-टी यानी टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट। इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसमें आरटी-पीसीआर में पॉजिटिव आने वाले सभी मरीजों का अनिवार्य रूप से जीनोम सिक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सभी जिलों के कलेक्टर, सभी मेडिकल कॉलेजों के डीन, सीएमएचओ और सिविल सर्जन को यह निर्देश दिया गया है कि कोविड की आरटी-पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज के सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए अनिवार्य रूप से भिजवाएं।