रीवा के पेटी कांट्रैक्टर संगठन ने लगाया 50 फीसदी कमीशनखोरी का आरोप, एक बार फिर शिवराज सरकार कटघरे में..
Rewa MP News: ठेकेदारी में कमीशन का खेल कोई नई बात नहीं है। दबी जुबान यह सुनने के मिलता ही रहता है। लेकिन इस समय कमीशनखोरी की खुलकर और जोर शोर से चर्चा हो रही है। सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं।
ठेकेदारी में कमीशन का खेल कोई नई बात नहीं है। दबी जुबान यह सुनने के मिलता ही रहता है। लेकिन इस समय कमीशनखोरी की खुलकर और जोर शोर से चर्चा हो रही है। सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। सरकार आरोप लगाने वालों पर एफआईआर दर्ज करवा रही है। लेकिन मजे की बात यह है कि आरोप लगाने और एफआईआर करवाने वाले दोनों ही राजनैतिक लोग हैं। लेकिन इसी बीच एक जबरदस्त मामला निकल कर सामने आया है। अब इसके बाद मध्य प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस खुलकर सामने आ चुकी है। कांग्रेस नेता अरुण सुभाष यादव ने यहां तक कह दिया है कि आयुष पांडे किसी भी मंच पर 50 प्रतिशत कमीशन मामले पर बात करने को तैयार हैं।
क्या है पूरा मामला
यह कहना गलत नहीं होगा कि विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पेटी कांट्रैक्टरो की पेटी से 50 प्रतिशत वाले कमीशनखोरी का जिन्न रह-रह कर बाहर निकल रहा है। वह अब सत्ताधारी सरकार को लगातार परेशान किए हुए है। वही विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस जिन्न के सहारे जनता के बीच सरकार का असली चेहरा बनाकर पेश करना चाह रही है। लेकिन सरकार अपना बचाव करते हुए आरोपों को गलत बताते हुए नेताओं पर एफआईआर दर्ज करवा चुकी है।
फिर लगा भुगतान न करने का आरोप
मुख्य मामले पर नजर दौडाएं तो पता चलता है कि हाल के दिनों में रीवा गौशाला पेटी कांट्रेक्टर एक पत्र सामने आया है। जिसे कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर हेस्टैक कमीशनखोर सरकार के साथ पोस्ट किया है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि ’अब पेटी कांट्रेक्टर पीयूष पांडे ने लिखा जबलपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र’ मुख्यमंत्री और भाजपा नेताओं को 50 प्रतिशत कमीशन का सबूत चाहिए थे न आप लोगों के डर की वजह से ज्ञानेंद्र अवस्थी सामने नहीं आया था। लेकिन पीयूष पांडे किसी भी मंच पर 50 प्रतिशत कमीशन के आरोपों पर बात करने के लिए तैयार है। आप जाइए और जाकर फिर मेरे और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ एक और एफ आई आर करवाइए।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी हुए हमलावर
इधर जैसे ही पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ को रीवा गौशाला पेटी कांट्रेक्टर द्वारा 50 प्रतिशत कमीशन मामले का पत्र सामने आया है कमलनाथ ने भी जबरदस्त हमला बोला। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि शिवराज सरकार के 50 प्रतिशत कमीशन के भ्रष्टाचार का घड़ा फूट चुका है।
रीवा के गौशाला पेटी कॉन्ट्रैक्टर संगठन ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, जबलपुर के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शासकीय कार्यों में 50 प्रतिशत कमीशन खाने का आरोप लगाया है। ठेकेदार ने सार्वजनिक रूप से बयान जारी किया और यह भी बताया कि उसके जैसे कई अन्य ठेकेदार भी 50 प्रतिशत कमीशन राज से पीड़ित हैं।
भारत की न्यायपालिका में इस तरह के गंभीर मामलों में स्वत संज्ञान लेने की गरिमापूर्ण परंपरा रही है। मैं माननीय न्यायालय से आग्रह करता हूं कि इस ठेकेदार के पत्र का संज्ञान लें, उसे सुरक्षा मुहैया कराएं और मध्यप्रदेश को चाट रहे भ्रष्टाचार के दीमक से बचाएं।
यह सर्वविदित है कि जब ग्वालियर के ठेकेदार ने इसी तरह का आरोप लगाया था तो बिना जांच-पड़ताल के ही सत्ता के शीर्ष पर बैठे लोगों ने मामले को दबाने और फरियाद करने वालों को फसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
यहां से शुरू हुआ मामला
अगर पुरानी बातों पर नजर डालें तो पता चलता है कि 4 दिन पहले की बात है 13 अगस्त को ग्वालियर में लघु एवं मध्यम श्रेणी संविदा कार्य संघ का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। जिसमें ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शिकायत करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में 50 प्रतिशत कमीशन का खेल बड़ी तेजी के साथ चल रहा है। बिना कमीशन दिए भुगतान नहीं मिलता है। सरकार में शिकायत और सुधार की कोई स्थिति नहीं रह गई है यहां कोई सुनने और देखने वाला नहीं है। पत्र में यह भी बताया गया कि दलाल किस्म के लोग सक्रिय हैं। जिनके माध्यम से यह पूरा खेल चल रहा है।
जैसे ही यह मामला तूल पकड़ने लगा भाजपा ने पत्र और उसके लिखने वाले संस्था को फर्जी बताकर पार्टी को बदनाम करने की बात कही। साथ ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी कमलनाथ समेत अन्य कांग्रेस के नेताओं पर 41 थानों में एफआईआर दर्ज करवा दी गई।