रीवा: करहिया मंडी में यूरिया खाद की किल्लत , किसानों को नही मिली खाद, पढ़िए

रीवा: करहिया मंडी में यूरिया खाद की किल्लत , किसानों को नही मिली खाद, पढ़िए रीवा फसलो में यूरिया खाद न पड़ने की से धान की फसल खराब होने;

Update: 2021-02-16 06:31 GMT

रीवा: करहिया मंडी में यूरिया खाद की किल्लत , किसानों को नही मिली खाद, पढ़िए

रीवा (विपिन तिवारी )। फसलो में यूरिया खाद न पड़ने की से धान की फसल खराब होने की कगार में है।  समितियों में खाद नही है जबकि प्राइबेट दुकानों में खाद बिक रही है। फ़सल बचाने के लिए किसानों को कालाबजारी का शिकार होना पड़ रहा है। प्राइबेट दुकानों द्वारा किसान को दोगुने भाव से यूरिया मिल रही है। किसान ठगे जा रहें हैं।

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करहिया मंडी में सोमवार को आई यूरिया कब खत्म हो गई किसानों को भनक तक नही लगी। समितियों से यूरिया न मिलने से किसान नाराज हैं। किसानों ने करहिया मंडी में धरना दिया। किसानों के आंदोलन में कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी राज करहिया मंडी पहुँच कर समर्थन किया। राज ने आरोप लगाते हुए कहा कि खाद वितरण में अव्यवस्था है। अन्नदाता सुबह से शाम तक भूखे प्यासे लाइन में लगे है पर उनके हिस्से का यूरिया ट्रालियों में लाद कर व्यपारियो के यहां पहुचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिले में यूरिया वितरण में बड़े पैमाने पर कालाबाजारी की जा रही है ।सहकारी समितियों में यूरिया उबलब्ध नही है।लेकिन बाजार में 280 रु .बोरी की यूरिया 500 रु.बोरी लेकर शिवराज सरकार के संरक्षण में अन्नदाताओं को लूटा जा रहा है।
सिद्धार्थ ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब बाजार में यूरिया महंगे दामों में उपलब्ध है तो सहकारी समितियों में क्यो नही? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कृत्रिम रूप से यूरिया संकट उत्पन्न कर सरकार में बैठे लोग व सरकारी तंत्र अन्नदाताओं का खून पसीना निचोडकर अपनी तिजोरियों को भर रहे है।

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कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी राज ने यूरिया में हुआ भ्रष्टाचार पर कहा कि किसानों के आधार कार्ड पर घोटालेबाजो ने यूरिया बेची है। यह घोटाला सीधे सरकार की नाक के नीचे हुआ है यूरिया बांटने का हिसाब-किताब रखने वाले पोर्टल पर किसानों को यूरिया मिला दिखा दिया गया, लेकिन हकीकत ये है कि इस खेल में बड़ा भ्रष्टाचार और कालाबाजारी हुई है।
लिहाजा बड़ा सवाल ये है कि यूरिया आवंटन से लेकर वितरण तक की पाइप लाइन में भ्रष्टाचार के कितने छेद हैं? उन्होंने कहा कि यूरिया की कालाबाजारी जानने के लिए रासायनिक खाद प्रबंधन का पोर्टल पर दिखे आंकड़ों ने सहकारी समितियों को कटघरे में खड़ा कर दिया ! जब हम इस खेल की पोल खोलेंगे तो साफ हो जाएगा कि किस तरह से सहकारी समितियों ने चौकीदारों, हम्मालों और ड्राइवरों के नाम पर हजारो मीट्रिक टन यूरिया बेच दी गई , जबकि किसान अपनी बारी आने का इंतजार ही करता रह गया ।
.................................... किसानों के साथ धरने में बैठे सिद्धार्थ, एसडीएम ने व्यवस्था सुधरवाई तब धरना टूटा मंडी परिसर में फैली अव्यवस्था को देखकर कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी राज मंडी परिसर मे ही धरने पर बैठ गये । मौके में पंहुची अनुविभागीय अधिकारी ने व्यवस्थाओं को सुधारने का आश्वासन दिया तथा अन्नदाताओं यूरिया के टोकन वितरित होने के बाद कांग्रेस नेता राज ने धरना समाप्त किया।

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