Rewa : दूध देने वाली गाय बन गए सरपंच-सचिव, पहले गलत कराओ फिर वसूली का खेल चलाओ
रीवा / Rewa News : एक कहावत है कि कमजोर की लुगाई सबकी भौजाई। यही कुछ हाल ग्राम पंचायतों का हो चुका है। ग्राम पंचायत में बैठे सरपंच-सचिवों को
रीवा / Rewa News : एक कहावत है कि कमजोर की लुगाई सबकी भौजाई। यही कुछ हाल ग्राम पंचायतों का हो चुका है। ग्राम पंचायत में बैठे सरपंच-सचिवों को दूध देने वाली गाय समझ लिया गया है। पहले इन्हें गलत करने की छूट दो फिर तरह-तरह की वसूली कर जेबें भरी जा रही है। इस समय यही चल रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार जिला पंचायत सीईओ ने ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यो की गुणवत्ता जांच के लिए ग्रामीण यांत्रिकी विकास विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है। इसके लिए सीईओ द्वारा प्रत्येक जनपद क्षेत्र के लगभग दो दर्जन गांवों में गुणवत्ता परखने के लिये ग्रामीण यांत्रिकी की टीम गठित की जा रही है।
लेकिन सवाल यह उठता है कि जो सड़कें नगर निगम बनाता है, प्रधानमंत्री सड़कें बन रही हैं, लोक निर्माण, आरडीसी, एनएचएआई आदि विभाग सड़क का निर्माण कर रहे हैं, इन सड़कों की जांच क्यों नहीं की जाती? सीईओ साहब जब मन आता जांच बैठा देते हैं। जब सड़कें बनाई गई अथवा अन्य निर्माण कार्य कराए तब इंजीनियर, सहायक यंत्री कहां थे। कोई भी पक्का काम इंजीनियर की देखरेख में होना चाहिए। गांव का बिना पढ़ा लिखा सरपंच क्या जाने सड़क की मोटाई कितनी होनी चाहिए। इसलिए आरोप इंजीनियर पर भी तय होना चाहिए।
पहले कमीशन अब वसूली तय
ग्राम पंचायतों में आने वाली राशि का 50 प्रतिशत ही सरपंच तक पहुंचता है। उससे पहले पैसा निकालने पर 10 प्रतिशत घूंस, प्राक्कलन तैयार कराने पर घूंस, सहायक यंत्री का घूंस, बेण्डर का घूंस के अलावा 10 जनपद में अन्य कार्यो के ले लिये जाते हैं। अगर यह घूंस नहीं देंगे तो बिल नहीं पास होगा। ऐसी स्थिति में सही काम कैसे होगा। इसके बाद निर्माण कार्य गुणवत्ता हीन होने की दशा में अधिकारी पैसा लूटने पर आमादा हैं। अब बेचारे सरपंच-सचिव कहां से भरें।
समान गोलीकांड / हत्यारे अब तक पुलिस की पहुँच से दूर, 10 हजार का इनाम घोषित : REWA LOCAL NEWS
काम कराने, लेबर बढ़ाने का दबाव
जब केंद्र सरकार मनरेगा का पैसा देती है तो ग्रामीण विकास ग्राम पंचायतों में 50 लेबर कम से कम फर्जी तरीके से लगाए जाने का दबाव बनाता है और फर्जी कार्य कराया जाता है। ग्राम पंचायतें जब काम शुरू करती हैं तो मजदूरों को नकद पैसा देकर काम कराते हैं और उसके बाद खाते में आने वाला पैसा ग्रामीण विकास खुद हजम कर लेता है। काम के शुरू से ही पैसा वसूलो अभियान चल रहा है, अब ऐसी स्थिति सरपंच-सचिव कहां तक पैसा उगलें।
चोरों ने मचाया ताडंव, स्कूल सहित चार दुकानों के तोड़े ताले- Rewa News
यहाँ क्लिक कर RewaRiyasat.Com Official Facebook Page Like
ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी जुड़ें: Facebook | WhatsApp | Instagram | Twitter | Telegram | Google News