रीवा: कोरोना ने दिया ऐसा दर्द की फूड कंट्रोलर सहित कल हुई तीन की मौत, प्लाज्मा थेरैपी भी नहीं आई काम...
रीवा : जिंदगी और मौत के बीच जूझते हुए फूड कंट्रोलर राजेन्द्र सिंह ठाकुर आखिर जिंदगी की जंग हार गये। सोमवार सुबह व अंतिम सांस ली। अस्पताल के कोविड वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। हालत गंभीर होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। चिकित्सकों द्वारा उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया गया, यहां तक कि रीवा में पहली बार चिकित्सकों ने दिल्ली, भोपाल और जबलपुर के डॉक्टरों सें संपर्क कर प्लाज्मा थेरैपी से उनका इलाज किया। फिर भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और सोमवार अलसुबह उनकी मौत हो गई। इसके अलावा रीवा में कोरोना से दो और मौतें हुई हैं। इस घटना से प्रशासनिक अमला भी सदमे में है।
फू ड कंट्रोलर के हालत की जानकारी कलेक्टर -कमिश्रर प्रतिदिन ले रहे थे। उन्हें बेहतर इलाज दिलाने किया गया प्रयास भी असफल रहा। यहां तक कि उन्हें एयर एबुलेंस से बाहर ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन मिल ही नहीं पायी। पॉजिटिव गंभीर होने के चलते उन्हें बाहर ले जाना संभव नहीं हो पाया। अमेरिका से आईं पत्नी, वीडियो कॉलिंग से किए अंतिम दर्शन फूड कंट्रोलर राजेन्द्र सिंह ठाकुर की पत्नी जानकारी मिलने पर अमेरिका से आईं और उन्हें वीडियो कालिंग के जरिये उनका अंतिम दर्शन कराया गया।
ज्ञात हो कि फूड कंट्रोलर की दो बेटियां हैं, जिनमें से एक अमेरिका और एक भोपाल में रहती हैं। उनकी पत्नी अमेरिका में बेटी के पास मार्च से रह रही थीं। लॉकडाउन के चलते वह नहीं आ पा रही थीं। और जब आने की इजाजत मिली तो काफी देर हो चुकी थी। बताया गया कि फूड कंट्रेालर राजेंन्द्र सिंह ठाकुर प्रदेश के मंडला जिले के बिछिया तहसील के भुआ गांव के रहने वाले थे, जो दो वर्षों से रीवा में पदस्थ थे।
इसके अलावा अस्पताल में उपचार के दौरान कोरोना संक्रमण से दो और मौतें हुई हैं, जिनमें से एक सतना जिले की एक महिला बताई गई है। मिली जानकारी के अनुसार उसका इलाज नागपुर में चल रहा था। सतना में रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इलाज शुरू हुआ। हालत बिगडऩे पर उसे रीवा रेफर किया गया था, जहां एक हफ्ते तक इलाज चला लेकिन नहीं बच पाई। वही सतना जिले के डिलौरा निवासी डॉ बीपी मिश्रा 86 वर्ष जो अस्थमा और डायबिटीज जैसी बीमारी से भी ग्रसित थे और कोरोना संक्रमित होने पर उनका इलाज एक हफ्ते तक अस्पताल के कोविड वार्ड में चला। रविवार की देर रात्रि उनकी भी मौत हो गई। अस्पताल में लगातार हो रही कोरोना संक्रमितों की मौत ने डॉक्टरों को भी दहशत में ला दिया है। वहीं अन्य मेडिकल स्टाफ भी दहशतजदा हैं।