रीवा: कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार को लेकर मुक्तिधाम में हुआ विवाद
रीवा। जिले के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार को लेकर एक बार फिर विवाह की स्थिति बन गयी, मामला कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार को लेकर रविवार को बंदरिया मुक्तिधाम में विवाद हो गया। यह विवाद निगमकर्मियों और चिकान टोला के लोगों के बीच घंटों चलता रहा। बाद में मामला बढ़ता देख निगम कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी और जब मौके पर पुलिस पहुंची तो विवाद कर रहे लोग भाग निकले।
बताया गया कि चिकान टोला के लोग शराब के नशे में कोरोना संक्रमित मृतक का शव न जलाने की बात कर रहे थे और इसी बात पर विवाद होने लगा। जानकारी के मुताबिक कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार करने नगर निगम अमला बंदरिया मुक्तिधाम पहुंचा था, करीब 12 बजे जब निगम कर्मचारी वहां पहुंचे तो वहां चिकान टोला के लोग पहले से ही शवदाह कर रहे थे। वहां दो शवों को जलाया जा रहा था।
जब निगम कर्मचारियों ने उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि पहले उनके द्वारा शवदाह कर लिया जाए, इसके बाद ही वह कोरोना मरीज के शव का अंतिम संस्कार करें। लोगों की बात निगम कर्मचारी मान गए। करीब दो घंटे बाद भी जब लोग वहां से नहीं गए तो फिर से कर्मचारियों ने उनसे बात की और कहा कि जिस मरीज का अंतिम संस्कार होना है, उसका बेटा बीमार है और उसे पीपीई किट पहनाकर लाया गया है, जिससे उसकी तबीयत और बिगड़ती जा रही है। बावजूद इसके चिकान टोला के लोगों ने कहा कि वह जब तक यहां से स्नान कर बाहर नहीं चले जाते हैं तब तक कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इस बात को लेकर घंटों बहस चलती रही।
निगमकर्मियों की मानें तो चिकान टोला के लोग जो कि शवदाह करने मुक्तिधाम आए थे उनमें से अधिकतर लोगों ने शराब पी रखी थी। इसके अलावा भी कई लोग मुक्तिधाम में ही शराबखोरी कर रहे थे। जब वह शवदाह की बात करने जाते तो वह विवाद करने लगते। मामला बिगड़ता देख निगम अमले ने जानकारी सिटी कोतवाली पुलिस को दे दी। जिसके बाद जैसे ही मुक्तिधाम में पुलिस बल पहुंचा तो विवाद कर रहे लोग वहां से बातचीत करते-करते भाग निकले और निगमकर्मियों द्वारा कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार किया गया। बताया गया कि 12 बजे के करीब पहुंचा निगम अमला देर शाम करीब 6 बजे अंतिम संस्कार कर वापस लौटा।
मरीज को अंदर ले गए इसलिए हुआ विवाद
वहीं चिकान टोला के लोगों का कहना था कि उनके मना करने के बावजूद जब वह शव का अंतिम संस्कार कर रहे थे उसी वक्त निगम कर्मचारियों द्वारा कोरोना मरीज के शव को अंदर ले आया गया। जबकि वह लोग इस बात का विरोध कर रहे थे कि अंतिम संस्कार में आए कई लोगों इससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा, लेकिन निगमकर्मी नहीं माने। इसी बात का विरोध वह कर रहे थे। बताया कि उनकी मांग थी कि वह जब तक वहां से अंतिम संस्कार कर वापस नहीं लौट जाते हैं तब तक शव को बाहर न निकाला जाए। बताया गया कि बिना नियम निगम कर्मचारियों की मौन स्वीकृति से बिना सुरक्षा के ही पंडित द्वारा कोरोना मरीज के शव को जलाने के पूर्व पूजा कराई जा रही थी जिसका विरोध भी किया गया तो निगम कर्मियों ने पंडित को बाहर भेजा।
शहर के बाहर नहीं की व्यवस्था
बता दें कि कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार को लेकर निगम ने भी कोई अलग से स्थान अब तक चिंहित नहीं किया है। आबादी के बीच स्थिति बंदरिया मुक्तिधाम में ही लेकर जाकर कोरोना मरीज के शव का अंतिम संस्कार किया जाता है, जिससे आए दिन विवाद होता है। लगातार हो रहे विरोध के बाद भी निगम प्रशासन ने कोरोना मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए अब तक कोई अलग से शहर के बाहर स्थान नहीं ढूंढ़ा है। इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कई दफा मांग की है। यदि निगम यह व्यवस्था शहर के बाहर कर ले तो इस प्रकार का विवाद समाप्त हो सकता है और स्थानीय लोगों में कोरोना के फैलने का खतरा भी समाप्त हो जाएगा। ------------वर्जन
कोरोना मरीज के अंतिम संस्कार के लिए गए तो वहां पहले से चिकान टोला के लोग शवदाह कर रहे थे। कर्मचारियों ने बताया कि उनके द्वारा इस बात के लिए विवाद किया जा रहा था कि जब तक वह वहां से नहीं चले जाते, अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। कर्मचारी मान भी गए, लेकिन वह समय ज्यादा लगा रहे थे। जब कर्मचारी दोबारा पूछने गए तो वह विवाद करने लगे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। देर शाम शव का अंतिम संस्कार किया गया।
रावेन्द सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम
बंदरिया मुक्तिधाम में शराब पीकर लोगों द्वारा विवाद किया जा रहा है, ऐसी सूचना मिली थी। जब वहां बल पहुंचा तो जानकारी मिली कि शवदाह को लेकर विवाद किया जा रहा है। मामले को शांत कराकर कोरोना मरीज का अंतिम संस्कार कराया गया।