1 जून को सिंधिया के भोपाल पहुंचने पर फिर होगा धमाका, पढ़िए जरुरी खबर...
1 जून को सिंधिया के भोपाल पहुंचने पर फिर होगा धमाका, पढ़िए जरुरी खबर...भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक घमासान मच सकता है।;
1 जून को सिंधिया के भोपाल पहुंचने पर फिर होगा धमाका, पढ़िए जरुरी खबर...
भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर राजनीतिक घमासान मच सकता है। हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया एक जून को भोपाल पहुंच रहे हैं। उनके आने से पहले ही कई कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए गए हैं, वहीं कांग्रेस के कुछ बड़े नेताओं के भी नाम भाजपा में जाने वालों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं। उधर, कांग्रेस ने भी दावा किया है कि भाजपा के कई नेता उनके संपर्क में हैं और वे कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार में संकट, राजभवन परिसर में मिलें 6 कोरोना पॉजिटिव
सिंधिया के भोपाल दौरे के वक्त कई कांग्रेस नेताओं के भाजपा में शामिल होने की खबरे हैं। सूत्रों के मुताबिक इनमें मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी, सत्यव्रत चतुर्वेदी और पूर्व विधायक हेमंत कटारे के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा है कि कई कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
हेमंत कटारे बोले- मैं कांग्रेस के साथ
इधर, पूर्व विधायक हेमंत कटारे ने वीडियो जारी कर उन खबरों का खंडन किया है, जिसमें उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थी। कटारे ने कहा है कि वे अपने पिता की ही तरह कांग्रेस के साथ रहेंगे। उन्होंने कहा है कि चंबल क्षेत्र में कांग्रेस का प्रभाव कम करने की कोशिश की जा रही है। कटारे ने कहा है कि भाजपा छुपकर कोशिशें कर रही है, लेकिन यह चंबल क्षेत्र हैं, जहां छुपकर वार नहीं चलता है। भाजपा सरकार अधिकारियों के जरिए परेशान कर रही है। कटारे ने कहा है कि आने वाले उपचुनाव में कांग्रेस जीतेगी और कमलनाथ के नेतृत्व में एक बार फिर सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि मैं इस वक्त नाम नहीं बता सकता लेकिन हमारे संपर्क में भाजपा के कई नेता हैं, जो आने वाले दिनों में भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल होंगे।
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सिंधिया का अपमान कैसे बर्दाश्त करते
सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि सिंधिया के चेहरे पर चुनाव लड़ा गया था। उन्हें देखकर ही लोगों ने भी वोट दिया था। उन्हें ही सीएम बनाया जाना था। युवाओं और आमजनता में इस बात की निराशा थी। सिंधियाजी ने जो मुद्दे उठाए उन्हें भी अनदेखा किया गया। जब बात की तो कहा कि सड़क पर उतर जाओ। इस प्रकार की सभी स्थिति को देख सिंधियाजी और उनके समर्थकों ने इस्तीफा दे दिया।
मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बन सकते हैं हालात
सूत्रों के मुताबिक सिंधिया समर्थक 22 नेता जो कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुए हैं, उनके चुनाव लड़ने और पुराने भाजपा नेताओं को नजर अंदाज करने से भी बगावत के हालात बन सकते हैं, वहीं पुराने भाजपा नेताओं को मंत्री पद छोड़ सिंधिया समर्थकों को पद पर सभी को संतुष्ट करना भाजपा आलाकमान के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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जोशी ने दिेए थे यह संकेत
देवास जिले की हाटपिपल्या विधानसभा सीट से विधायक रह चुके भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री दीपक जोशी के भी सुर उपचुनाव से पहले बदले हुए हैं। जोशी कहते हैं कि वो तीन बार के विधायक हैं और 57 साल की उम्र में यदि पार्टी उनके साथ नाइंसाफी करती है तो वह दूसरे विकल्प पर विचार कर सकते हैं।
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