छात्रा की शिकायत सुनते ही कलेक्टर ने छोड़ दी आपनी कुर्सी, और फिर छात्रा को दे दिया......
शिकायत सुनते ही कलेक्टर उसका निराकरण करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही अपनी कुर्सी सौंपकर यह दिया जाय कि आज तुम अपनी और दूसारों;
छात्रा की शिकायत सुनते ही कलेक्टर ने छोड़ दी आपनी कुर्सी, और फिर छात्रा को दे दिया……
शिवपुरी। ऐसा भी कभी सुना है की शिकायत सुनते ही कलेक्टर उसका निराकरण करने के बजाय शिकायतकर्ता को ही अपनी कुर्सी सौंपकर यह दिया जाय कि आज तुम अपनी और दूसारों की भी समस्या सुनों और उनका निराकरण करो।
लेकिन यह हकीकत है जब शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने आईटीआई की एक छात्रा शिकायत लेकर पहुंची और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने उसकी पहले शिकायत सुनी। बाद में उसे एक दिन के लिए अपनी कुर्सी सौंपते हुए कहा कि आज तुम अपनी शिकायत की सुनवाई खुद करो और अन्य लोगों की भी।
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कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह के पास शिकायत लेकर पहुंची छात्रा जान्ह्वी को सुनने पर अचानक उनके मन में आया क्यों न इसे ही आज लोगों की शिकायत सुनने का अवसर दिया जाया। इसके पहले भी कई अधिकारी इस तरह कर चुके हैं। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का कहना है कि ऐसा करने से मनोबल बढता है और प्रशासनिक सिस्टम के बारे मे पता चलता है।
हुआ कुछ ऐसा था कि शिवपुरी में आईटीआई करने वाली छात्रा जान्हवी अपने साथी छात्र जो परीक्षा देने से वंचित रह गये थे उनकी मदत करने के लिए कलेक्टर के पास गई थी।
कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने छात्रा की समस्या को गौर से सुना और बाद में उसे कहा कि वह आज इस कुर्सी को सम्हाले। साथ ही कलेक्टर ने छात्रा को काम करने का तरीका भी सामान्य तौर पर समझाया। वही जान्हवी ने कलेक्टर की कुर्सी सम्हाल कर लोगों की समस्या सुनी।