MP: प्रवासी मजदूरों के लिए शिवराज सरकार का सबसे बड़ा ऐलान, पढ़िए पूरी खबर
MP: लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी हुई है। ऐसे श्रमिकों की पहचान कराने के लिए सरकार ने सर्वे करने का निर्देश दिया है। इन्हें संबल योजना से जोड़कर शासन की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में नगर निगम को सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह सर्वे २७ मई से तीन जून तक चलेगा।
नगर निगम ने हर वार्ड के मोहर्रिर की ड्यूटी लगाई है कि वह वार्डों में जाकर यह पता लगाएं कि किन घरों में प्रवासी मजदूर एक मार्च २०२० के बाद अपने घर लौटे हैं। इसमें उन श्रमिकों को शामिल नहीं किया जाएगा जो एक मार्च के पहले ही आ चुके थे। संबल योजना का लाभ उन्हीं प्रवासी श्रमिकों को मिलेगा जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी रहे हैं। इस अभियान के लिए नगर निगम ने वार्डों में एनाउंस भी कराया है ताकि जिन लोगों को योजना के बारे में जानकारी नहीं हो, वह भी संपर्क कर अपना नाम सर्वे में दर्ज करा सकें।
- सर्वे में इनका पंजीयन नहीं होगाशासन द्वारा नगर निगम के पास आए दिशा निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किन लोगों का नाम सर्वे में शामिल नहीं किया जाना है। इसमें प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश के जो मूल निवासी नहीं है, मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं लेकिन एक मार्च २०२० के पहले ही घर लौट आए हैं। ऐसे श्रमिक जो राज्य के बाहर प्रवास पर नहीं गए थे उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
- संबल की शर्तें पूरा करना भी आवश्यकप्रवासी श्रमिकों को संबल योजना का लाभ तभी दिया जाएगा जब वह संबल अथवा भवन संनिर्माण कर्मकार मंडल में पंजीयन के लिए पात्रता रखते हों। आधार नंबर एवं समग्र आइडी नंबर भी होना आवश्यक है। जिनका समग्र आइडी नहीं बना है उनका तत्काल जारी करने का भी निर्देश आया है।
- मनरेगा में काम करने का भी पूछा जा रहा विकल्पशहरी क्षेत्र में सर्वे का कार्य किया जा रहा है लेकिन जो फार्म प्रवासी श्रमिकों से भराया जा रहा है, उसमें मनरेगा में काम करने के इच्छुक हैं अथवा नहीं यह भी पूछा जा रहा है। अभी शहरी क्षेत्र में मनरेगा लागू नहीं है, ऐसे में सरकार शहरी क्षेत्र के लोगों को गांव ले जाकर रोजगार देगी या फिर शहर में ही मनरेगा के कार्य कराए जाएंगे। इस पर निगम के अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं उनका कहना है कि शासन की ओर से ही फार्म उपलब्ध कराया गया था।[signoff]