MP : श्रीरामनाम बैंक का दो करोड़ अधिकोष के साथ हिंदू समिति ने किया शुभारंभ
छतरपुर : राम नाम ऐसा धन जिसे न तो कोई चुरा सकता है, न छिपा सकता है और जो भी इसे चुराएगा वह भी धनवान हो जाएगा। उक्त विचार श्रीरामनाम बैंक का
श्रीरामनाम बैंक का दो करोड़ अधिकोष के साथ हिंदू समिति ने किया शुभारंभ
छतरपुर। राम नाम ऐसा धन जिसे न तो कोई चुरा सकता है, न छिपा सकता है और जो भी इसे चुराएगा वह भी धनवान हो जाएगा। उक्त विचार श्रीरामनाम बैंक का शुभारंभ करते हुए मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने व्यक्त किये। महाराज श्री ने कहा कि हिंदू समाज को संगठित करने के लिए श्रीराम नाम ही एक माध्यम है। ज्ञात हो कि विगत दिवस हिन्दू उत्सव समिति द्वारा श्रीराम नाम बैंक का शुभारंभ किया गया है।
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राजेंद्र दास महाराज ने गौ पूजन कर श्रीरामनाम बैंक के लेजर में श्रीराम लिखकर बैंक का शुभारंभ किया। बैंक के शुभारंभ अवसर पर महंत किशोरदास महाराज, बागेश्वर पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सहित अन्य साधु संत उपस्थित रहे। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रीराम नाम बैंक का शुभारंभ किया गया। बताया गया है कि दो करोड़ रामनाम अधिकोष के साथ बैंका संचालन प्रारंभ हुआ है। अब छतरपुर में खाता खुलकर पासबुक जारी कर रामनामी पुस्तकें जमा होंगी। समिति द्वारा विभिन्न पंथों के माध्यम से रामनाम लेखन कराया गया और संकट के दौरान लोगों को मानसिक संबल देने का अवसर दिया है। बच्चे, बूढ़े सभी ने श्रीरामनाम लेखन किया।
कोरोना संक्रमण के दौरान रखी गई श्रीराम नाम बैंक की नींव
समिति के अध्यक्ष पवन मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के समय से ही श्रीराम नाम बैंक की नींव रख दी गई थी। श्रीराम नाम लेखन के बारे में महाराज जी को अवगत कराया। श्री राम नाम बैंक के संरक्षक बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संसार का कल्याण करने के लिए भगवान संत गति प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों की भावना संतों के माध्यम से भगवान तक पहुंचती है और भगवान का आशीर्वाद संतों के माध्यम से ही भक्तों तक पहुंचता है। भक्त और भगवान को मिलाने का मार्ग संत बनाते हैं। महंत किशोरदास महाराज ने कहा कि मन, वचन, कर्म से श्रीराम नाम लेखन की प्रेरणा मिलती है। यदि भगवान का नाम लिखेंगे तो हाथों से लिने के दौरान मन से उसे स्मरण करने का अवसर मिलता है।