MP के किसानों को मिलेगी 25 लाख मीट्रिक टन खाद, राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने लगाई मोहर
खरीफ की फसल के लिए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों को 25 लाख मीट्रिक टन खाद मिलेगी।
Madhya Pradesh Khad News: खरीफ की फसल के लिए मध्यप्रदेश के किसानों को 25 लाख मीट्रिक टन खाद मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। गौरतलब है कि रबी की फसलों की कटाई के साथ ही राज्य सरकार खरीफ फसलों की तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में राज्य सरकार के भेजे गए प्रस्ताव में केन्द्र सरकार ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए राज्य को 25 लाख मीट्रिक टन खाद देने का निर्णय लिया है। बताते हैं कि इस बार 13 लाख टन यूरिया, 10 लाख टन डीएपी और ढाई लाख टन एनपीके की आपूर्ति पूरे सीजन में केन्द्र सरकार करेगी।
इस संबंध में बीते दिवस अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक की। पिछले साल की तुलना में यह आपूर्ति अधिक है। इसके अलावा राज्य सरकार ने अपने स्तर पर से अतिरिक्त खाद की व्यवस्था बनाई है। जिसमें आठ लाख टन खाद का अग्रिम भण्डारण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लगभग हर बार खाद की समस्या सामने आती है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने 8 लाख मीट्रिक टन खाद का भण्डारण करने का निर्णय लिया है। जिसमें सरकार ने चार लाख टन यूरिया, तीन लाख टन डीएपी और एक लाख टन कॉम्पलेक्स खाद का अग्रिम भण्डारण किया जाएगा। यह खाद किसानों को बिना ब्याज लिए सीजन प्रारंभ होने से पहले दी जाएगी।
कब आएगी खाद
बताया गया है कि सहकारी समितियों को खरीफ फसलों की बोनी प्रारंभ होने के पहले आगामी दो माह यानि कि मई माह में खाद उपलब्ध कराई जाएगी। आपूर्ति पिछले साल की खपत के आधार पर किए जाने की बात कही गई है। कृषि विभाग ने इसके लिए समितियों से पिछले साल की बिक्री की जानकारी लेकर कार्ययोजना बनाई है।
अभी पांच टन का भण्डारण
बताया गया है कि अभी प्रदेश में पांच लाख मीट्रिक टन से अधिक खाद का भण्डारण है। जिसमें 2 लाख 25 हजार मीट्रिक टन यूरिया, 70 हजार टन डीएपी, दो लाख सिंगल सुपर फास्फेट और 40 हजार टन एपीके शामिल है। उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष किसानों को 16.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया, पांच लाख 80 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 6 लाख 50 हजार मीट्रिक टन सिंगल सुपर फास्फेट और 3.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके की आपूर्ति की गई है।