जबलपुर: मध्यप्रदेश पुलिस आरक्षक भर्ती का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। हालांकि सरकार की तरफ से भी हाईकोर्ट में कैविएट दायर की गई है। अब हाईकोर्ट को कोई भी फैसला दायर करने के पूर्व सरकार का पक्ष भी सुनना होगा। बताया गया है कि परीक्षा से असंतुष्ट कुछ विद्यार्थियां ने याचिका हाईकोई में दायर की है। कुछ समय पूर्व पुलिस भर्ती परीक्षा का विरोध करते हुए छात्र सड़क में उतर आए थे। कांग्रेस ने भी परीक्षा को व्यापम 2 कहकर सरकार पर कई आरोप लगाए थे। एक तरफ जहां सरकार चाहती है कि परीक्षा न रूके वहीं कई छात्र ऐसे भी हैं जो कि रिजल्ट की पूरी प्रक्रिया को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। छात्रों का कहना है कि रिजल्ट में गड़बड़ी की गई है। आखिर तक आवेदकों को उनका रिजल्ट क्यों नहीं बताया जा रहा। आंसर सीट भी नहीं दी जा रही। जिससे यह भी पता नहीं चल पा रहा कि किस आवेदक को कितने नंबर और किस आधार पर क्वालीफाइड या अनक्वॉलीफाइड किया गया है। पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान 6 हजार पदों के लिए 8 लाख से अधिक आवेदन पहुंचे थे। परीक्षा कराने की जिम्मेदारी व्यापम को सौंपी गई थी। सवा महीने परीक्षा हुई। हर दिन अलग-अलग पेपर स्क्रीन पर भेजे गए। हाईकोर्ट में चुनौती देने वाले आवेदकों की माने तो चयन मापदण्ड समान नहीं है तो चयन की निष्पक्षता किस प्रकार से साबित होगी। हर दिन एक अलग पेपर मिलता था। कभी कठिन तो कभी सरल। पर कटऑफ एक जैसे मापदंड पर आधारित किया जा रहा है।