जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सूचना आयुक्त को भेजा नोटिस, पूछा RTI में सवाल पूछने की सुविधा क्यों नहीं हुई ऑनलाइन?

Jabalpur High Court News: मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सूचना आयुक्त को नोटिस जारी की पूछा है कि आखिर अभी तक प्रदेश में सूचना के अधिकार से सवाल पूछने की सुविधा ऑनलाइन क्यों उपलब्ध नहीं करवाई गई है।;

Update: 2022-11-03 12:24 GMT

Jabalpur High Court News: मप्र हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सूचना आयुक्त को नोटिस जारी की पूछा है कि आखिर अभी तक प्रदेश में सूचना के अधिकार से सवाल पूछने की सुविधा ऑनलाइन क्यों उपलब्ध नहीं करवाई गई है। हाईकोर्ट ने इस मामले में संबंधितों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय में यह याचिका लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई थी। जिसमें केन्द्र की ही तरह मप्र में ऑनलाइन सूचना के अधिकार आवेदन की सुविधा न होना पाया गया है।

याचिकाकर्ता मप्र लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने याचिका दायर कर न्यायालय को बताया कि संविधान के अनुच्छेद 19, 1 अ में वर्णित वाक एवं अभिव्यक्ति की की स्वतंत्रता में भारत के नागरिकों को संसद द्वारा 2005 में सूचना का अधिकारी अधिनियम के तहत सरकार से सवाल पूछने का का अधिकार दिया गया है।

प्रावधानों का पालन बगैर ऑनलाइन व्यवस्था के संभव नहीं है। भारत सरकार ने वर्ष 2013 में आरटीआई आवेदन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था दी है। केन्द्रीय सूचना आयोग ने भी अपीलों एवं शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया गया है। लेकिन मप्र में राज्य ने लंबे पत्राचार के बाद जब ऑनलाइन पोर्टल 2021 में बनाया भी है तो उसमें सभी विभागों और शासकीय कार्यालयों को जोड़ा ही नहीं गया। जिससे ऑनलालन फार्म नहीं लगाया जा सकता।

मप्र राज्य सूचना आयोग को भी पक्षकार बनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि आयोग के वेब पोर्टल में आरटीआई अधिनियम के तहत अपील व शिकायत प्रस्तुत करने की ऑनलाइन सुविधा नहीं है। इससे नागरिकों को स्वयं जाकर अथवा डाक के माध्यम से अपीलें प्रस्तुत करनी पड़ती है। ऑनलाइन व्यवस्था न किए जाने से नागरिकों के संविधान प्रदत्त मूल अधिकार का उल्लंघन होता है।

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