WCR के तीन रेलखंडों पर गति में सुधार, अब 110 KM घंटे की गति से चलाई जा सकेंगी रेलगाड़ियां
Western Central Railway: पश्चिम मध्य रेल में विभिन्न रेलखण्डों में स्पीड को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करके उत्तरोत्तर वृद्धि की जा रही है।
रेलखण्डों में गति को बढ़ाने के लिए महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में विभिन्न अघोसरचना के कार्यों को पमरे के तीनों मण्डलों द्वारा लम्बे ब्लॉक सेक्शनों पर दोहरीकरण और तिहरीकरण तथा गति प्रतिबंध हटाना, अधोसरंचना के कार्य को योजनबद्ध तरीके से करना इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल (आईबीएस) स्थापित करना आदि काम किये जा रहे है यार्ड रिमॉडलिंग के कार्य पुरे किये गए और साथ ही साथ क्रॉस ओवर डालकर यार्ड की शंटिंग एवं रनिंग फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाई गई।
जिसके कारण गाड़ियों के डिस्पेच और रिसीव में डिटेंशन को कम से कम किया गया। पुराने ब्रिजों के गर्डर को बदला गया एवं सुधारीकरण में उच्च गुणवत्ता के साथ रखरखाव किया गया। ब्रिजों के गति प्रतिबंध को भी हटाया गया।
इसी कड़ी में नवम्बर माह में पमरे के तीन रेलखण्डों में कुल 149 रूट किलोमीटर पर गति में वृद्धि की गई। चालू वित्तीय वर्ष में नवम्बर माह तक रेलवे बोर्ड द्वारा 198 रूट किलोमीटर पर गति में वृद्धि करने का लक्ष्य दिया गया था जिसकी तुलना में पश्चिम मध्य रेलवे ने तीनों मण्डलों के 10 रेलखण्डों पर कुल 348 रूट किलोमीटर में सेक्शनल स्पीड में वृद्धि कर दी है। नवम्बर माह में इन रेलखण्डों में की गई गति में वृद्धि इस प्रकार है :-
1) शिवपुरी-ग्वालियर रेलखण्ड में कुल लम्बाई 122 रूट किलोमीटर पर 100 केएमपीएच से वृद्धि करते हुए 110 केएमपीएच की गई।
2) ओर पिपरईगाँव अप लाइन (दोहरीकरण) रेलखण्ड में कुल लम्बाई लगभग 15 रूट किलोमीटर पर 90 केएमपीएच से वृद्धि करते हुए 110 केएमपीएच की गई।
3) बिजोरा-बारां डाउन लाइन दोहरीकरण) रेलखण्ड में कुल लम्बाई 12 रूट किलोमीटर पर 100 केएमपीएच से वृद्धि करते हुए 110 केएमपीएच की गई।
रेलखण्डों पर स्पीड में वृद्धि होने से अधोसरंचना कार्यों को मजबूती मिलेगी, साथ ही रेलवे ट्रैक की क्षमता बढ़ेगी एवं रेलगाडियां के परिचालन समय में बचत होगी।