स्मार्ट सिटी का सपना कैसे होगा पूरा, अतिक्रमण व गंदगी से मुक्ति नहीं
स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है जिसमें प्रमुख रूप से चौराहेां का सौदर्यीकरण करना, शहर को साफ स्वच्छ बनाना सहित शहर को स्मार्ट लुक देना
स्मार्ट सिटी का सपना कैसे होगा पूरा, अतिक्रमण व गंदगी से मुक्ति नहीं
सतना। नगर पालिक निमग कोशासन द्वारा स्मार्ट सिटी का दर्जा दिया गया है जिसमें प्रमुख रूप से चौराहेां का सौदर्यीकरण करना, शहर को साफ स्वच्छ बनाना सहित शहर को स्मार्ट लुक देना स्मार्ट सिटी के प्रमुख हिस्से हैं। चित्रकूट रोड स्थित गढि़या चौराहे से लगे हुए जिले के समस्त अधिकारियों एवं न्यायाधीशों के रहवासी स्थल है।
लेकिन कोरोना काल में गढिया चौराहें में दबंगों द्वारा अपने माकान को रोड तक बढा लेने के बाद भी नगर निगम प्रशासन द्वारा एक नोटिस तक नहीं दिया गया। अब सवाल यह उठता है कि जब चैराहों से अतिक्रमण नहीं हटाया जायेगा तब तक सौंदर्यीकरण कैसे हो पायेगा। नाली निर्माण अधूरा है। शहर में कूड़ा, कचरा भरा है। ऐसे में स्मार्ट सिटी कल्पना सिर्फ सपना जैसे ही लग रहा है।
ऐसे में कैसे होगा स्मार्ट शहर
वर्तमान समय में जिस तरह से अतिक्रमण कर के लेागों द्वारा रोड में अतिक्रमण किया जा रहा है। ऐसे में हमारा सतना स्मार्ट कैसे होगा। यह एक सवाल आम जनता के मन में चल रहा है। अब सवाल यह उठता है कि नगर प्रशासन सहित अतिक्रमण अमले द्वारा इन अतिक्रमण कारियों के उपर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार गढिया चौराहे में अतिकमण के कारण नाली का काम तत्कालीन मंत्री के हस्तक्षेप के बाद नहीं हो पाया था।