हालात-ए-रीवा! सीएम आएं सड़क आई, सीएम गए सड़क गई
रीवा। सीएम के आने के पहले रीवा में उखड़ी हुई सड़को में लीपापोती की गई, उन्हें सजाया संवारा गया। लेकिन सीएम के जाते ही सारी सड़कें उखड़ने लगी।
रीवा। सीएम शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय रीवा प्रवास पर 25 जनवरी को रीवा आएं थें. 26 जनवरी को उन्होंने ध्वजारोहण भी रीवा में ही किया। सीएम के आने के पहले रीवा में उखड़ी हुई सड़को में लीपापोती की गई, उन्हें सजाया संवारा गया। लेकिन सीएम के जाते ही सारी सड़कें उखड़ने लगी। इसीलिए कहा गया है सीएम आएं सड़क आई, सीएम गए सड़क गई।
ये हालात-ए-रीवा हैं। जहां रीवावासियों के लिए तो शहर में सड़क ही नहीं बची है. एक वक़्त पूरे एमपी में सबसे अच्छी सड़कों का जाल रीवा में था। लेकिन अब सीवर लाइन तो कभी गैस पाइप लाइन, कोई न कोई नए विकास कार्य के चलते रीवा की सड़के खुदती चली गई। हालात ये हैं की अगर मुख्य सड़क की ही बात करें तो आप अगर चोरहटा से रतहरा तक का सफर सुनिश्चित कर लेते हैं, तो आपके अपने ही आपको पहचान पाने से इंकार कर देंगे।
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सड़कों में गड्ढे और धूल का गुबार
विकास के नाम पर जिस तरह अच्छी खासी सड़कों को तहस नहस कर दिया गया है, उसमें जो गड्ढे हैं, वे रोजाना किसी न किसी को शिकार बनाते हैं। धूल की चादर ने तो जैसे पूरा शहर ही ढक दिया हो। पूरा शहर धूल के गुबार में सीमित हो गया है। खैर विकास हो रहा है, चलता ही रहेगा। आप मास्क पहनने की आदत डाल लें कोरोना के साथ धूल मिटटी से भी बचाएगा।
सीएम के आने के पहले किया था पैचवर्क, अब उखड गया
सीएम के लिए बनाई गई सड़क और पैचवर्क उखड़ गया। डामर और गिट्टी दो ही दिन में उड़ गईं। अब सड़क में फिर से पहले जैसी धूल और गड्ढे हो गए हैं। सड़कों का रेस्टोरेशन भी बंद हो गया है। जनता को बेवकूफ बनाने के लिए ही प्रशासन और ठेकेदारों ने तानाबाना बुना था। अब सीएम के जाने के बाद सब बंद है।
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ज्ञात हो कि इस मर्तबा गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण सीएम शिवराज सिंह को करना था। दो दिवसीय दौरे पर आने के पहले ही रीवा को चमकाने की कवायद शुरू कर दी गई थी। खस्ताहाल मॉडल रोड सहित शहर की मुय सड़कों पर भी डामर की परत चढ़ाई गई थी। लाखों रुपए पानी की तरह बकाया गया था।
सीएम के जाने के बाद ही सड़कों पर बिछाई गई घटिया परतें उड़ गईं। कहीं भी पैचवर्क अब सही सलामत नहीं बचा है। सभी जगह सड़कें पहले जैसी ही जस की तस ही हो गई हैं। इससे स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह का घटिया काम इस पैचवर्क में किया गया था।
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यहां की सड़क उधड़ी
सीएम के आने के पहले संजय गांधी अस्पताल चौराहा के पास रैन बसेरा के सामने पैच वर्क किया गया था। अब वहां डामर और गिट्टी अलग अलग हो गई हैं। पैचवर्क बचा ही नहीं है। इसी तरह मानस भवन के सामने भी पुलिया के ऊपर डामर की लेप चढ़ाई गई थी। उसके भी परखच्चे उड़ गए। कलेक्ट्रेट के सामने सीवर लाइन के गड्ढों को भरने के लिए पैचवर्क किया गया था। अब वहां भी सड़क नहीं बची है। सब दो ही दिन में उखड़ चुका है।
घटिया हुआ था काम
सड़कों पर किए गए पैचवर्क की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सिर्फ दो दिन में ही सारी सड़क पहले ही तरह जस की तस हो गई है। कहीं कोई भी पैचवर्क नहीं टिका। इस काम में लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिया गया, लेकिन जनता को इसका फायदा नहीं मिल पाया। अब पहले से भी रीवा के सड़कों की बुरी हालत हो गई है। पहले गड्ढे में हिचकोले खाने पड़ रहे थे अब पैचवर्क की धूल भी फांकनी पड़ रही है।