ग्वालियर में उग्र हुए गुर्जर: शहर को जला देने की धमकी, 200 से अधिक वाहनों में तोड़फोड़; पुलिस ने 177 आंसू गैस के गोले छोड़े, कई पुलिसकर्मी घायल
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में गुर्जर महासभा के बाद गुर्जर उग्र हो गए हैं। उपद्रवियों ने कई वाहनों पर तोड़फोड़ की, 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पूरे शहर में दहशत और भय का माहौल व्याप्त है।
मध्यप्रदेश के राजधानी में एक तरफ जहां सोमवार को राज्य भर के पुलिसकर्मी भोपाल में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात किए गए थे, वहीं दूसरी तरफ ग्वालियर में गुर्जरों ने जमकर उपद्रव किया। शहर के फूलबाग मैदान में आयोजित गुर्जर महासभा के बाद गुर्जर समाज की भीड़ ने कलेक्ट्रेट का रुख किया और हुड़दंगई भरी रैली निकालते हुए कलेक्टर ऑफिस परिसर में खड़ी गाड़ियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।
गुर्जर समाज के लोग कलेक्ट्रेट में बिना अनुमति के ज्ञापन देने पहुंचे हुए थे। जिसमें मिहिर भोज प्रतिमा से तीन शेड हटाने जैसी मांगे शामिल थी। लेकिन कलेक्ट्रेट पहुंचेते ही गुर्जर उग्र हो गए। उत्पादियों ने कलेक्टर, एसएसपी, निगमायुक्त सहित 200 वाहनों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस पहले शांति की अपील करती रही, लेकिन जब ये नहीं मानें तो पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने हवाई फायर किए, आँसू गैस के गोले चलाए, लेकिन इसके बाद गुर्जर और अधिक उग्र हो गए।
पुलिस ने उपद्रवियों को कलेक्ट्रेट से खदेड़ा तो वे शहर के सिटी सेंटर, एजी पुल, झांसी रोड, सिरोल रोड, विक्की फैक्ट्री इलाकों में गाड़ियों में तोड़फोड़ करने लगे। शाम होते होते उपद्रवियों ने सिकरोदा हाइवे पर चक्काजाम कर दिया। यहां पर कई स्कूली-कॉलेज के वाहनों में तोड़फोड़ की गई। दहशत के चलते देर शाम शहर भर की दुकानें बाजार बंद हो गए।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय युवा स्वाभिमान संघर्ष समिति ने गुर्जर जागरण पदयात्रा समापन के दौरान फूलबाग मैदान में महासभा का आयोजन किया था। यह यात्रा 7 अगस्त को शुरू हुई थी। जिसमें ग्वालियर, चंबल समेत देश के अलग-अलग इलाकों से गुर्जर समाज के लोग शामिल हुए। इसी मंच से भड़काई भाषण भी दिए जा रहें थे। शहर को दहलाने से लेकर उत्पात मचाने तक की हुंकार गुर्जर नेता भर रहे थे। इनकी सभा के दौरान भी एक पुलिस वाहन में तोड़फोड़ की गई थी।
मंच से भड़काऊ भाषण दे रहे थे
ग्वालियर में गुर्जरों का बवाल इसी महासभा में दिए गए भाषणों और पहले से रची गई साजिश का नतीजा है। दरअसल, मंच से भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे। शहर को जला देने, ट्रेक्टर चढ़ा देने जैसे भड़काऊ भाषणों से युवाओं को बरगलाया गया। इनका मकसद सिर्फ और सिर्फ गुर्जरों को बवाल कराना ही था।
ट्रेक्टरों में भरकर लाठी-डंडे और पत्थर लेकर आए
गुर्जर समाज के लोग अपने अपने वाहन, ट्रैक्टर-ट्रालियों में लाठी-डंडे और पत्थर रखे हुए थे। अचानक वाहन रैली कलेक्ट्रेट कि तरफ निकली और इनका इस्तेमाल किया गया।
महासभा के बहाने भीड़ बनकर घुसे और उपद्रव शुरू किया। महासभा की स्वीकृति थी। लेकिन जब दस हजार की भीड़ जुटने का इंटेलिजेंस था तो पुलिस ने उसके अनुरूप पुलिसबल क्यों नहीं लगाया। जब शहर को दहलाने जैसे भाषण दिए जा रहे थे तब पुलिस और जिला प्रशासन ने कोई उपाय क्यों नहीं किया। इन सब सवालों के जवाब पुलिस और जिला प्रशासन को देने होंगे।