जॉर्जिया में गोल्ड मैडल जीत कर सतना पहुंची बेटी का भव्य स्वागत, लोगो ने कहा बेटियां किसी से कम नहीं...

एमपी के सतना जिले (Satna) की बेटी गीताजंली त्रिपाठी (Geetanjali Tripathi) का सतना पहुचने पर हुआ भव्य स्वागत

Update: 2022-08-12 02:35 GMT

Geetanjali Tripathi Satna News: अंतर्राष्ट्रीय वुशु स्पर्धा (International Wushu Competition) में गोल्ड मेडल (Gold Medal) जीतकर घर लौटी एमपी के सतना जिले (Satna District) के गीताजंली त्रिपाठी का सतना के लोगो ने भव्य स्वागत किए है। अपने गृह जिलों के लोगो का यह प्यार और स्वागत देख कर गीतांजलि की आंखें भर आयीं। इस दौरान सतना सांसद गणेश सिंह (MP Ganesh Singh) सहित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं खेल प्रेमी मौजूद रहे।

जॉर्जिया में जीता गोल्ड मैडल

दरअसल गीताजंली त्रिपाठी ने जॉर्जिया में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय वुशु गेम्स में शानदान प्रदर्शन करके गोल्ड मैडल प्राप्त करके विंध्य क्षेत्र सहित प्रदेश का मान बढ़ाया था। यह जानकारी लगते ही क्षेत्र के लोगो में खुशी की लहर दौड़ गई।

12 वर्ष की आयु से खेल रही वुशु

बताया जाता है कि गीतांजलि 12 वर्ष की आयु में माता-पिता से दूर हो गई और वह वुशु की बांराकियों को खेलते हुए आज यह मुकाम हासिल करके वह देश की लाडो बन गयी। गीतांजलि जब 7वीं कक्षा में थीं तभी से वुशु की ट्रेनिंग लेना शुरू किया और उसने कई राष्ट्रीय स्पर्धाएं भाग लिया तो वही वह अब वुशु की इंटरनेशनल प्रतियोगिता जीत कर लौटी हैं।

कहा यादगार रहेगा वह पल..

गीतांजलि का कहना है मेरे लिए वो क्षण यादगार हैं जब तिरंगा सामने लहरा रहा था। 1 तिरंगा मेरे बदन पर था और राष्ट्रगान बज रहा था। इसी बीच उसे गोल्ड मैडल आयोजकों के द्वारा सौपा गया। तो उसे खुशी का ठिकाना नहीं रहा। गीतांजलि का कहना है कि वह अब और मेहनत करेगी। वह एशियन गेम्स की तैयारी में अब जुट जाएंगी।

बेटियों को दे मौका

गीतांजलि 3 बहन और 2 भाई हैं। पिता विनोद त्रिपाठी सीधी में पुलिस विभाग में एएसआई हैं। गीतांजलि ने अब एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल का लक्ष्य निर्धारित किया है। बेटी की सफलता पर माता-पिता खुशी से भावुक हैं। उनका कहना है बेटियों पर विश्वास करे और उन्हे मौका दें।

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