एमपी: निगम चुनाव में कमजोर पड़ी बीजेपी अब 2023 विधानसभा चुनाव के लिए अलर्ट

हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव को लेकर भाजपा अब मंथन कर रही है तो वही चुने गए प्रतिनिधियों को बूथ स्तर पर काम करने की जिम्मेदारी दी जा रही है

Update: 2022-08-18 10:19 GMT

MP BJP News: भाजपा अब मिशन 2023 की तैयारी में जुट गई हैं। स्वयं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक हाई लेवल मीटिंग लेकर उन्होने प्रदेश के विधायकों और सांसदों को साफ तौर पर कह दिया है कि अगर किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई गई तो वे कार्रवाई के लिए तैयार रहें।

बूथ पर पहुंचे जनप्रतिनिधि

बैठक के दौरान सीएम ने कंहा है कि चुनाव का सबसे अहम हिस्सा बूथ होता है। ऐसे में बूथ पर पूरा फोकस रखें, स्वयं सांसद, विधायक पहुचे तो वही हाल ही में चुनें गए निकाय अध्यक्ष एवं पार्षदों को बूथ स्तर पर काम करने की जिम्मेदारी सौपें।

निगम चुनाव में कंमजोर पड़ी बीजेपी अब अलर्ट

दरअसल निगम के चुनाव में इस बार भाजपा पूर्व की अपेक्षा कंमजोर पड़ी है। पिछली बार हुए चुनाव में सभी 16 नगर निगमों में बीजेपी के महापौर बने थे. इस बार उसे 7 नगर निगमों से हाथ धोना पड़ा है। इनमें प्रमुख शहर ग्वालियर, जबलपुर और रीवा शामिल हैं। 16 में से केवल 5 नगर निगमों में कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी जीते हैं. इसमें अध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ छिंदवाड़ा भी शामिल हैं, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लोकसभा क्षेत्र भोपाल में पार्टी को हार मिली है।

ओवर आल 98 सीटों का फायदा

प्रदेश स्तर पर निकाय चुनाव परिणाम देखा जाए तो ओवर आल सीटों पर भाजपा में बढ़त में है, यानी 2015 के परिणामों से तुलना करें तो बीजेपी को फायदा हुआ है. पिछले चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका और नगर परिषदों को मिलाकर बीजेपी के पास 158 शहरों की सरकार थी,जबकि कांग्रेस के खाते में 75 निकाय आए थे. 2022 के निकाय चुनावों में बीजेपी 256 निकायों में चुनाव जीत कर आई है. वहीं कांग्रेस 58 सीटों पर कब्जा जमा सकी. यानी बीजेपी को 98 सीटों का फायदा और कांग्रेस को 17 सीटों का नुकसान हुआ है।

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