मऊगंज हिंसा के बाद एक्शन मोड में मोहन सरकार: एसपी रसना ठाकुर को हटाया, व्यापमं घोटाला उजागर करने वाले आईपीएस दिलीप को जिले की कमान
मध्यप्रदेश के मऊगंज में हिंसा की घटना के बाद SP रसना ठाकुर को पद से हटाया गया है। उनकी जगह IPS दिलीप कुमार सोनी को नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया।;
मध्यप्रदेश के मऊगंज जिले में हाल ही में हुई हिंसा की घटना के बाद प्रशासनिक स्तर पर हलचल पैदा हो गई है। राज्य की डॉ मोहन यादव सरकार ने 18 मार्च 2025 को एक आदेश कदम उठाते हुए मऊगंज की पुलिस अधीक्षक रसना ठाकुर को उनके पद से हटा दिया है। यह निर्णय जिले में बढ़ती अशांति और कानून-व्यवस्था की कमजोर स्थिति को देखते हुए लिया गया है।
मऊगंज के गडरा में बंधक बनाकर हुई युवक की हत्या और उसे बचाने गई पुलिस टीम पर हमले की घटना के बाद यह कार्रवाई की गई। घटना में एक पुलिस ASI की भी मौत हो गई थी। जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
IPS दिलीप कुमार सोनी की नई जिम्मेदारी
रसना ठाकुर की जगह अब आईपीएस अधिकारी दिलीप कुमार सोनी को मऊगंज जिले का नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। सोनी को जिले में शांति और व्यवस्था को पुनर्जनन करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनके पास प्रशासनिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता का लंबा रिकॉर्ड है।
गृह विभाग का आदेश: प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित
यह प्रशासनिक फेरबदल मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग द्वारा जारी एक आधिकारिक आदेश के तहत हुआ है, जिस पर सचिव इच्छित गढ़पाले ने हस्ताक्षर किए हैं। आदेश के अनुसार, रसना ठाकुर को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया गया, जबकि दिलीप कुमार सोनी को मऊगंज का नया पुलिस अधीक्षक बनाया गया।
व्यापमं घोटाला उजागर कर चुके है दिलीप सोनी
आईपीएस दिलीप सोनी एक भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं, जिन्होंने मध्य प्रदेश के चर्चित व्यापम घोटाले (Vyapam Scam) को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
यह घोटाला मध्य प्रदेश प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (MPPEB) से जुड़ा एक बड़ा भ्रष्टाचार कांड था, जिसमें प्रवेश परीक्षाओं और सरकारी नौकरियों की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई थीं।
दिलीप सोनी उस समय इंदौर में क्राइम ब्रांच के प्रमुख थे, जब जुलाई 2013 में उनकी टीम ने व्यापम घोटाले के पहले बड़े खुलासे को अंजाम दिया। उनकी अगुआई में पुलिस ने मध्य प्रदेश प्री-मेडिकल टेस्ट (MP PMT) 2013 के दौरान 17 युवकों को गिरफ्तार किया, जो ज्यादातर उत्तर प्रदेश से थे। ये युवक असली उम्मीदवारों की जगह परीक्षा देने आए थे। इस कार्रवाई ने व्यापम घोटाले की परतें खोल दीं, जिसमें बाद में कई बड़े राजनेता, नौकरशाह और व्यवसायी शामिल पाए गए। सोनी की टीम ने वरिष्ठ व्यापम अधिकारी नितिन मोहिंद्रा से हार्ड डिस्क भी जब्त की थी, जो जांच में अहम साक्ष्य साबित हुई। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।
दिलीप सोनी उज्जैन में लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना के अधीक्षक (SP) के पद पर कार्यरत हैं। अब सोनी का तबादला मऊगंज जिले के लिए किया गया हैं, जहांवे बतौर पुलिस कप्तान जिले की कानून व्यवस्था संभालेंगे।