हाथरस केस के आरोपी का एसपी को खत, लड़की को उसकी मां और भाई ने पीटा था, इसलिए मौत हो गई; हमारी दोस्ती थी, बात भी होती थी
उत्तरप्रदेश के हाथरस केस के एक आरोपी संदीप ने बुधवार को जेल से जिले के एसपी को एक खत लिखा था, जो गुरुवार को सामने आया है। खत में उसने लड़की की मौत के पीछे
हाथरस केस के आरोपी ने एसपी को खत लिख न्याय की गुहार की है
उत्तरप्रदेश के हाथरस केस के एक आरोपी संदीप ने बुधवार को जेल से जिले के एसपी को एक खत लिखा था, जो गुरुवार को सामने आया है। खत में उसने लड़की की मौत के पीछे की वजह बताई है।
आरोपी ने खत में लिखा है कि लड़की की मौत उसी की माँ और भाई के पीटने की वजह से हुई थी। हमारी उससे दोस्ती थी और बात भी होती थी। संदीप ने खुद व जेल में बंद अन्य तीन आरोपियों को बेक़सूर बताते हुए न्याय की गुहार की है।
दरअसल, हाथरस के बुलगढ़ी गांव में 19 साल की दलित लड़की के साथ कथित गैंगरेप हुआ था, लड़की की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अब इस मामले में एक और खुलासा हुआ है। मामले में आरोपी बनाए गए संदीप का एक खत वायरल हुआ है।
क्या लिखा खत में...
संदीप ने कहा, ‘लड़की से उसकी दोस्ती थी। ये बात उसके परिवार को पसंद नहीं थी। घटना वाले दिन मैं मौके पर था, लेकिन मुझे लड़की की मां और भाई ने घर भेज दिया था। बाद में मुझे आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया। लड़की के साथ उसकी मां और भाई ने ही मारपीट की, जिससे उसकी मौत हो गई।’ संदीप ने निष्पक्ष जांच की मांग की है। लेटर पर अन्य आरोपी रवि, रामू और लवकुश ने नाम लिखा और अंगूठा लगाया।
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एसपी साहब, हमें न्याय दिलाएं
संदीप ने लिखा, ‘‘मुझे 20 सितंबर को झूठे मुकदमे में जेल भेजा गया है। मुझ पर आरोप लगाया कि गांव की लड़की के साथ गलत काम और मारपीट की गई थी, जिसकी बाद में मौत हो गई। इस झूठे केस में अलग-अलग दिनों में गांव के तीन अन्य लोगों लवकुश, रवि और रामू को जेल भेजा गया। वे मेरे रिश्ते में चाचा हैं। पीड़ित गांव की अच्छी लड़की थी, उससे मेरी दोस्ती थी। मुलाकात के साथ मेरी और उसकी कभी-कभी फोन पर भी बात होती थी, लेकिन हमारी दोस्ती उसके परिवार वालों को पसंद नहीं थी।’’
‘‘घटना के दिन उसकी और मेरी खेत पर मुलाकात हुई थी। उसके साथ मां और भाई भी थे। उनके कहने पर मैं अपने घर चला गया और पिताजी के साथ पशुओं को पानी पिलाने लगा। बाद में मुझे गांव वालों से पता चला कि मेरी दोस्ती को लेकर लड़की को उसकी मां और भाई ने मारा-पीटा था, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं, जिससे बाद में वह मर गई। मैंने कभी पीड़िता के साथ मारपीट और गलत काम नहीं किया। मामले में लड़की की मां और भाई ने मुझे और तीन अन्य लोगों को झूठे आरोप में फंसाकर जेल भिजवा दिया। हम सभी लोग निर्दोष हैं। कृपया, मामले की जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।’’
जेल में जान को खतरा बताया गया
इस बीच, आरोपियों के परिजन ने जेल में बंद अपने लड़कों की जान को खतरा बताया। उनका कहना है कि हमारे बच्चे जेल में सुरक्षित नहीं हैं। आरोपी रामू की भाभी ने कहा कि जेल में नेता मिलने जा रहे हैं। कहा जाता है कि जेल में सुरक्षा होती है, लेकिन मेरे बच्चों को जेल में खतरा है।
6 माह में 104 बार फोन कॉल्स का खुलासा हुआ था
बुधवार को मुख्य आरोपी संदीप और लड़की के भाई के बीच फोन कॉल्स को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। दोनों के बीच 13 अक्टूबर 2019 से मार्च 2020 तक 104 बार बातचीत हुई। पूरा कॉल ड्यूरेशन करीब 5 घंटे का है, जबकि दोनों के घर 200 मीटर की दूरी पर ही हैं। 62 कॉल संदीप ने तो 42 कॉल पीड़ित के भाई की तरफ से एक-दूसरे को किए गए। जांच में लगी टीम के सूत्रों का दावा है कि पीड़ित के भाई का फोन उसकी पत्नी इस्तेमाल करती थी। इसी फोन से पीड़ित और संदीप के बीच बातचीत का दावा किया जा रहा है। सीडीआर में दोनों के बीच बातचीत में करीब 60 कॉल रात के समय का होना पाया गया।
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क्या है पूरा मामला?
हाथरस में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की दलित युवती से कथित गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़ित की मौत हो गई। मामले में चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। मंगलवार को सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हलफनामे में भी रेप न होने की बात कही गई है।
योगी सरकार मामले की जांच SIT से करवा रही है। CBI जांच की सिफारिश भी की है। पीड़ित का शव जल्दबाजी में जलाने और लापरवाही के आरोपों के बीच हाथरस के एसपी समेत 5 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं।